ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कार्नेगी इंडिया द्वारा आयोजित ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (जीटीएस) में हिस्सा लेते हुए मौजूदा वैश्विक हालात पर खुलकर बात की। इसके बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन भारत में भू-प्रौद्योगिकी (जियो-टेक्नोलॉजी) पर सबसे अहम बातचीत का मंच माना जाता है। इसका आयोजन कार्नेगी इंडिया और विदेश मंत्रालय मिलकर करते हैं।
समिट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, अमेरिका में नई सरकार बनने के एक महीने के अंदर ही हमारे बीच यह समझ बन गई है कि हम एक आपसी व्यापार समझौता करेंगे। हम ऐसा हल ढूंढ़ना चाहते हैं जो भारत और अमेरिका दोनों के लिए फायदेमंद हो। यह बातचीत लंबे समय तक खिंचने वाली नहीं है, क्योंकि पहले भी हमने चार साल तक बातचीत की थी लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया।
उन्होंने आगे कहा, इस बार हम पूरी गंभीरता और तेज़ी से काम कर रहे हैं। हमें एक अच्छा मौका मिला है और हम इसे गंवाना नहीं चाहते। हमारी व्यापार से जुड़ी टीम बहुत एक्टिव है। जयशंकर ने यह भी कहा, पहले हम पर आरोप लगता था कि बातचीत में देरी हम करते हैं लेकिन अब हालात उल्टे हैं, अब हम ही बातचीत को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं और हर स्तर पर यह दिखाना चाहते हैं कि यह हमारे लिए बहुत जरूरी और अहम मुद्दा है।
‘पांच साल पहले यूरोप की स्थिति काफी अच्छी थी’
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, पांच साल पहले यूरोप की स्थिति काफी अच्छी थी। उसने अमेरिका, रूस और चीन के साथ अच्छा संतुलन बना लिया था लेकिन अब उस संतुलन के तीनों हिस्सों में तनाव है। उन्होंने कहा, कई बार जब आप बहुत जटिल चालें चलते हैं तो लगता है कि आप हर तरफ से फायदा उठा रहे हैं, लेकिन आखिर में वही स्थिति सबसे ज्यादा मुश्किल बन सकती है। डॉ. जयशंकर ने कहा, मैं यह खास तौर पर कहना चाहता हूं कि यूरोप की इस मुश्किल स्थिति में तकनीक से जुड़ी समस्याएं भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
अमेरिका की नीति में हुआ है बदलाव
अमेरिका को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, मैं इतना ही कहूंगा और शायद कोई इससे इनकार नहीं करेगा कि अमेरिका ने अब दुनिया से रिश्ते बनाने का तरीका पूरी तरह बदल दिया है और इसका असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, मेरे हिसाब से इसका सबसे बड़ा असर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पड़ेगा। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कि अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है या तकनीक में सबसे आगे है बल्कि इसलिए भी कि अब साफ दिख रहा है कि टेक्नोलॉजी अमेरिका को फिर से ताकतवर और आगे बढ़ाने में अहम रोल निभा रही है।
चीन तेजी से बढ़ रहा है आगे
विदेश मंत्री ने कहा, पिछले एक साल में अमेरिका में जो बदलाव हुए हैं, वो एक बड़ा मोड़ है और आप सभी इससे अच्छे से वाकिफ हैं। उन्होंने आगे कहा, एक और बदलाव भी हो रहा है, जो धीरे-धीरे सामने आ रहा है और वह है चीन का तेज़ी से आगे बढ़ना। यह कोई अचानक हुआ बड़ा बदलाव नहीं है, बल्कि एक धीरे-धीरे होने वाली प्रक्रिया है। जयशंकर ने कहा, व्यापार की बात करें तो वह टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है। इसमें कुछ बड़े पल भी आए हैं, जैसे ‘डीप सीक’। मेरा मानना है कि चीन के कारण जो बदलाव हो रहे हैं, उनका असर उतना ही गहरा है जितना अमेरिका की वजह से होने वाले बदलाव का और सच तो यह है कि इन दोनों का असर एक-दूसरे पर भी पड़ रहा है।