ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में नौकरी करने की प्लानिंग कर रहे भारतीयों को इस खबर से सुखद अहसास होगा। ऑस्ट्रेलिया ने अपने टेंपरेरी स्किल वीजा प्रोग्राम में इस हफ्ते से बदलाव कर दिया है। सरकार ने एलान किया है कि ‘टेंपरेरी स्किल शॉर्टेज वीजा’ को नए ‘स्किल्स इन डिमांड वीजा’ के कोर स्किल्स स्ट्रीम से बदल दिया जाएगा। इसके लिए नए ‘कोर स्किल ऑक्यूपेशन लिस्ट’ (सीएसओएल) को तैयार किया गया है। सीएसओएल में उन नौकरियों के बारे में डिटेल्स दी गई हैं, जिनके लिए लोगों की जरूरत है। इसे देश के लेबर मार्केट की जरूरत के हिसाब से तैयार किया गया है। इस लिस्ट में कुल मिलाकर 456 तरह की नौकरियों की जानकारी दी गई है। लेबर मार्केट के विश्लेषण के बाद इस लिस्ट को तैयार किया गया है। इस तैयार करने में इंडस्ट्री और सरकार के अलग-अलग डिपार्टमेंट्स का भी बड़ा रोल रहा है। जॉब्स एंड स्किल्स ऑस्ट्रेलिया (जेएसए) ने इन सभी जानकारियों को इकट्ठा किया और समन्वित किया।
टेंपरेरी स्किल वीजा प्रोग्राम को कैसे प्रभावित करेगा सीएसओएल
इसके तहत कई बड़े बदलाव 7 दिसंबर, को लागू हो चुके हैं। सबसे बड़ा बदलाव ये है कि ‘टेंपरेरी स्किल शॉर्टेज’ (टीएसएस) वीजा को एक नए वीजा से बदल दिया गया है। इस नए वीजा को ‘स्किल्स इन डिमांड वीजा’ कहा जा रहा है। ये वीजा सीएसओएल पर आधारित है और कोर स्किल्स स्ट्रीम के लिए एलिजिबिलिटी तय करता है। इसमें ये बताया गया है कि किन पदों के लिए ऑस्ट्रेलिया में काम किया जा सकता है।
नया वीजा हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन, आईटी और इंजीनियरिंग जैसे सेक्टर्स में काम करने के लिए पारदर्शी सिस्टम तैयार करेगा।
कोर स्किल्स स्ट्रीम उन नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिनकी स्पष्ट और तत्काल मांग है। इससे स्किल वर्कर्स को देश में आने और अर्थव्यवस्था में योगदान करने का एक तेज रास्ता मिलेगा।
सीएसओएल
‘परमानेंट एंप्लॉयर नॉमिनेशन स्कीम’ (सबक्लास 186) वीजा के डायरेक्ट एंट्री स्ट्रीम पर भी लागू होगा। इसका मतलब है कि कंपनी स्किल वर्कर्स को परमानेंट रेजिडेंसी के लिए नॉमिनेट कर सकती हैं, बशर्ते वे जरूरी शर्तों को पूरा करते हों और सीएसओएल में दिए गए किसी पद के लिए उपयुक्त हों।