ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार ने इसरो के सहयोग से आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक जोड़ने की पहल की है। इसके तहत मौसम पूर्वानुमान और आपदा राहत के लिए सैटेलाइट लांचिंग का प्रयास किया जा रहा है। इससे बाढ़, भूकंप और हीटवेव जैसी आपात स्थितियों की रीयल-टाइम जानकारी मिलेगी और राहत कार्य तेज हो सकेंगे। आपदा प्रबंधन के लिए सैटेलाइट लांच करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘विकसित यूपी @2047’ की दिशा में ठोस पहल की गई है। इसके तहत ही यूपी में आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराई जा रही है। गर्मी से निपटने के लिए लखनऊ, आगरा और वाराणसी के लिए सिटी हीट एक्शन प्लान (एचएपी) तैयार किया जा चुका है। यह कानपुर और प्रयागराज के लिए तैयार हो रहा है। शहरी तापमान में वृद्धि को देखते हुए आईआईटी, एम्स और केजीएमयू जैसे राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ इन योजनाओं को तकनीकी सहयोग दे रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक यूपी की जीएसडीपी 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाई जाए जो भारत की अनुमानित जीडीपी का 20 प्रतिशत होगी।
इसके लिए प्रदेश को अगले 22 सालों में लगभग 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। वर्तमान में प्रदेश की जीएसडीपी 353 बिलियन डॉलर है जिसे 2030 तक 1000 बिलियन, 2036 तक 2000 बिलियन और 2047 तक 6000 बिलियन डॉलर यानी 6 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है। वर्ष 2047 तक प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये तक पहुंचाकर ‘जीरो पॉवर्टी’ के लेवल तक पहुंचाना है।
प्रदेश ने बीते साढ़े आठ वर्षों में गरीबी उन्मूलन में अभूतपूर्व प्रगति की है। राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार 2015-16 की तुलना में प्रदेश में गरीबी दर में 20.28 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 13.57 अंक रहा। सबका साथ, सबका विकास की नीति ने करीब 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर आने में मदद की है। स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है।