ब्लिट्ज ब्यूरो
प्रयागराज। 13 जनवरी से लेकर 22 फरवरी तक के 45 दिनों में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 12 बार मेले का दौरा किया। ऐसा करने वाले वह पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। महाकुंभ का इतिहास तो बहुत प्राचीन हैं। लेकिन आजाद भारत का पहला महाकुंभ 1954 में 14 जनवरी से तीन मार्च तक लगा था। उस वक्त मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत थे। वह दो से तीन बार आकर पैदल व नाव से जायजा लेकर गये थे। इसके अलावा कोई अन्य सीएम इतनी बार महाकुंभ में नहीं आया।
योगी के मेले में दौरे का विवरण
•09 जनवरी ः 13 अखाड़ों, दंडीबाड़ा, खाक चौक और योगी महासभा के शिविर में पहुंचे, डिजिटल मीडिया सेंटर का उद्घाटन
•10 जनवरी ः प्रसार भारती के चैनल कुंभवाणी का शुभारंभ, परिवहन निगम की बसों को दिखाई हरी झंडी
•19 जनवरी ः पूज्य शंकराचार्य, संत महात्माओं से मुलाकात, प्रदर्शनी, पुलिस गैलरी, संविधान गैलरी, पर्यटन गैलरी का शुभारंभ
•22 जनवरी ः मेले में पूरे मंत्री परिषद के साथ पावन संगम स्नान और कैबिनेट की बैठक
•25 जनवरीः अखिल भारत वर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के कार्यक्रम में, गुरु गोरक्षनाथ अखाड़ा में, विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन
•27 जनवरी ः गृहमंत्री अमित शाह के आगमन पर स्वागत और त्रिवेणी संगम में पूजन
•01 फरवरी ः भारत सेवाश्रम शिविर का दौरा। उपराष्ट्रपति का स्वागत और दुनिया के 73 देशों के राजनयिकों से संवाद व समीक्षा बैठक
•04 फरवरी ः बौद्ध महाकुंभ कार्यक्रम में सहभागिता, मीडिया से संवाद, भूटान नरेश का किया स्वागत
•05 फरवरी ः पीएम मोदी के आगमन पर किया स्वागत, त्रिवेणी संगम का पूजन
•10 फरवरी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन पर स्वागत, हनुमान मंदिर, अक्षयवट, डिजिटल महाकुंभ का दौरा
•16 फरवरी ःजलवायु सम्मेलन में सहभागिता, प्रदीप मिश्रा की कथा और प्रभु प्रेमी संघ शिविर के समापन समारोह में सम्मिलित हुए
•22 फरवरी : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के आगमन पर स्वागत एवं महाशिवरात्रि की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 फरवरी को भी महाकुंभ नगर में आए। अक्तूबर में महाकुंभ का लोगो जारी होने के बाद यह उनका 18वां दौरा था।