ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत एक लाख ‘सूर्य सखियों’ के माध्यम से गांव-गांव तक सौर ऊर्जा की रोशनी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के सहयोग से प्रारंभ की गई इस पहल का मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
महिलाओं का सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा का विस्तार
हाल ही में जारी एक आधिकारिक बयान में जानकारी दी गई है कि योगी सरकार ग्रामीण विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को सोलर पैनल, लाइटिंग, और ईवी चार्जिंग जैसे सौर ऊर्जा आधारित प्रोजेक्टों से जोड़ा जा रहा है।
‘महिला सूर्य सखी’ पहल के तहत महिलाएं सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरणों की स्थापना, रखरखाव, और मरम्मत का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और सामाजिक स्थिति मजबूत होगी।
2030 तक एक लाख उद्यमों का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में महिलाओं की मजबूत आर्थिक स्थिति के लिए विकेंद्रीकृत ऊर्जा (डीआरई) कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक एक लाख महिला नेतृत्व वाले उद्यमों तक विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा (डीआरई) समाधान पहुंचाना है। यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन के अनुसार डीआरई ऑफ-ग्रिड और मिनी-ग्रिड ऊर्जा समाधानों से संबंधित है जो ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में स्वच्छ, सस्ती, और विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करेगा।
प्रमुख साझेदारियां और कार्ययोजना
दीपा रंजन ने बताया कि इस पहल को सफल बनाने के लिए यूपीएसआरएलएम ने कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ साझेदारी की है, जिनमें पीसीआई इंडिया, एचसीबीसी, ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट, गेट्स फाउंडेशन इंडिया और प्रेरणा ओजस शामिल हैं।
ये संस्थाएं प्रदेश के 20 जिलों में डीआरई को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस सहयोग से एक समावेशी और लचीला स्वच्छ ऊर्जा तंत्र विकसित किया जाएगा जो महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएगा।