संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। ग्रुप की कंपनी टाटा पावर अगले पांच से छह साल में अपनी ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी का विस्तार करने के लिए लगभग 9 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी देशभर में अपनी विंड-सोलर हाइब्रिड फैसिलिटीज पर स्थापित किए जाने वाले 3 गीगावाट से अधिक क्षमता वाले विंड टर्बाइन्स की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित कर रही है। इसकी वैल्यू 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। यह अब तक के सबसे बड़े विंड टर्बाइन ऑर्डर में से एक है। अभी एक मेगावाट विंड एनर्जी स्थापित करने की लागत लगभग 7 करोड़ है।
एक सूत्र ने बताया कि सीमेंस गमेसा, सेन्विओन इंडिया,एनविजन एनर्जी और सुजान एनर्जी समेत चार कंपनियां टाटा पावर को टर्बाइन्स की सप्लाई करने की होड़ में हैं। बोलियों को कई अनुबंधों में विभाजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच साल में लगभग 5गीगावाट की जरूरत हो सकती है जिसकी वैल्यू 35,000 करोड़ रुपये हो सकती है। टाटा पावर और सीमेंस गमेसा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सेन्विओन इंडिया और सुजान एनर्जी ने सवालों का जवाब नहीं दिया। टिप्पणी के लिए एनविजन एनर्जी से संपर्क नहीं किया जा सका।
अडानी से मुकाबला
एक अधिकारी ने कहा कि टाटा पावर सालाना 1 गीगावाट से अधिक विंड कैपेसिटी स्थापित करने का लक्ष्य बना रही है। उन्होंने विंड टर्बाइनों की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए बोलियां मांगी हैं। बोली की कोई समय सीमा नहीं है। टाटा स्टील जैसी समूह कंपनियों के लिए अक्षय ऊर्जा सुविधाओं पर भी स्थापित किया जाएगा। इस फाइनेंशियल ईयर में टाटा पावर पूंजीगत व्यय पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है। इसका आधा हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी पर खर्च किया जाएगा।
टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2045 तक 100 प्रतिशत स्वच्छ बिजली उत्पादन हासिल करने लक्ष्य रखा है। अभी उसके पास 10.5 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी है। इसकी योजना 2030 तक 20 गीगावाट क्षमता तक पहुंचने की है।
देश के कई औद्योगिक घराने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में काम कर रहे हैं। इनमें अडानी और रिलायंस ग्रुप शामिल है। अडानी ग्रीन एनर्जी की साल 2025 तक 25 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य हासिल करने की योजना है। इनमें विंड, सोलर और हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।