मनोज जैन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनिधिम 1988 में व्यापक तौर पर बदलाव के लिए संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है ताकि आम लोगों को सार्वजनिक वाहन के तौर पर अधिक परिवहन की सुविधा मिल सके। इसमें प्रमुख तौर पर मोटरसाइकिल को व्यावसायिक तौर पर उपयोग के लिए शामिल किया जा सकेगा। इसी तरह से शैक्षिक संस्थानों के लिए वाहनों, वाहन डीलर के लिए नियम, दुर्घटना के दावों के निपटान के लिए समयबद्ध सीमा के निर्धारण सहित 67 प्रस्तावों का संशोधन किया जाना है। इस संबंध में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 में संशोधन के लिए 67 प्रस्तावों को संशोधित करने की अधिसूचना जारी की है।
इन प्रस्तावों पर सभी हितधारकों से 15 अक्टूबर तक सुझाव मांगे गए हैं ताकि इन प्रस्तावों को संशोधित किया जा सके। इन प्रस्तावों पर सुझावों के बाद मंजूरी मिलने के बाद हो सकता है कि इनमें कई प्रस्तावों को संसद से स्वीकृति दिलाने के लिए शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक भी लाया जाए। 67 प्रस्तावों में से महत्वपूर्ण प्रस्तावों में एक मोटरसाइकिलों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज (अनुबंध गाड़ी) के तहत शामिल करके उनके व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति देना शामिल है। इसमें एग्रीगेटर्स की ओर से उनके उपयोग की अनुमति देना भी शामिल है। इसका आशय यह है कि मोटर साइकिलों पर किराए लेकर यात्रियों को परिवहन की सुविधा दी जा सकेगी।
– 67 प्रस्तावों पर संशोधन के लिए अधिसूचना जारी
इसी तरह से दुर्घटना दावों के निपटान के लिए अधिकतम एक वर्ष की समय सीमा तय करने का प्रस्ताव भी है। शैक्षिक संस्थानों की बसों की नई परिभाषा और हल्के मोटर वाहनों को उनके सकल भार के आधार पर वर्गीकृत करने का प्रस्ताव शामिल है। पहली बार तिपहिया वाहनों की परिभाषा भी बताई गई है। हल्के वाहन लाइसेंस वाले 7500 किलोग्राम तक परिवहन वाहन के साथ चलाने का भी प्रस्ताव है। मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहन का प्रस्ताव शामिल है।