ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ-साथ दुनियाभर के छात्रों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन है। यहां की वर्ल्ड-क्लास यूनिवर्सिटीज में छात्रों को इतिहास, इंजीनियरिंग, एमबीए और न जाने कितने कोर्स पढ़ने को मिलते हैं। भारत से हर साल हजारों छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए जाते हैं। कैनबरा में मौजूद भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों में दूसरा सबसे बड़ा समूह भारतीयों का है।
भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, साइंस और हॉस्पिटैलिटी जैसे कोर्सेज की पढ़ाई कर रहे हैं। जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान कुल 1,22,391 भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे थे। अगर आप भी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाने का मन बना रहे हैं तो ऑस्ट्रेलियाई सरकार के जरिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को दिए जाने वाले अलग-अलग तरह के वीजा के बारे में जानना चाहिए।
स्टूडेंट वीजा (सबक्लास 500)
ऑस्ट्रेलिया में मिलने वाले स्टूडेंट वीजा (सबक्लास 500) के जरिए छात्रों को पांच सालों तक देश में रहने का मौका मिलता है। इस वीजा के जरिए छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर सकते हैं। पढ़ाई के साथ छात्रों को एक पखवाड़े में 48 घंटे तक काम करने का मौका भी मिलता है। इस वीजा की लागत 1600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर है।
स्टूडेंट गार्जियन वीजा (सबक्लास 590)
ये वीजा उन अभिभावकों को दिया जाता है, जो स्टूडेंट्स वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे अपने बच्चों के साथ रहना और उनकी देखभाल करना चाहते हैं।