ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ‘दंगल गर्ल’ फातिमा सना शेख ने हाल ही में अपनी बीमारी एपिलेप्सी यानी मिर्गी के बारे में बात की है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि दंगल फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें अपनी इस बीमारी का पता चला था। उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ दिन तक तो वह स्वीकार ही नहीं कर पाई थीं कि उन्हें मिर्गी जैसी बीमारी हो सकती है। इसलिए उन्होंने शुरू में इसके लिए कोई दवा नहीं ली।
उन्हें डर लगता था कि सेट पर अचानक मिर्गी का दौरा न पड़ जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि मिर्गी को लेकर लोगों में कोई जागरूकता नहीं है। लोग सोचते हैं कि जरूर इसने ड्रग्स लिया है या भूत-प्रेत से ग्रसित है। मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है। इसमें नर्व सेल्स ठीक से सिग्नल देना बंद कर देते हैं, जिसके कारण बार-बार दौरे पड़ते हैं। दौरा पड़ने पर ब्रेन में इलेक्टि्रकल एक्टिविटीज बहुत तेज हो जाती हैं। इस दौरान शख्स की बॉडी अजीबो–गरीब तरीके से मुड़ सकती है। उसे झटके लग सकते हैं और इस दौरान उसकी कॉन्शियसनेस भी खत्म हो जाती है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनिया में लगभग 5 करोड़ लोग मिर्गी से जूझ रहे हैं। भारत में लगभग एक करोड़ लोग मिर्गी का सामना कर रहे हैं। इसका मतलब है कि पूरी दुनिया के 20 प्रतिशत मिर्गी के मरीज सिर्फ भारत में हैं।
मिर्गी क्या है?
मिर्गी एक ब्रेन डिजीज है। इसमें हमारी नर्व सेल्स की सिग्नलिंग पावर प्रभावित होती है। ऐसा ब्रेन सेल्स डैमेज होने के कारण होता है। इसके कारण ब्रेन सेल्स एब्नॉर्मल इलेक्टि्रक सिग्नल बनाने लगते हैं, इसलिए दौरे पड़ते हैं।
मिर्गी की बीमारी क्यों होती है?
मिर्गी की बीमारी किसी को भी और कभी भी हो सकती है। डॉ. बिप्लब दास कहते हैं कि 70 प्रतिशत मामलों में इसके पीछे के कारणों का सटीक पता नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में देखा गया है कि अगर किसी के माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को मिर्गी की समस्या है तो उसे भी मिर्गी की समस्या हो जाती है। कुछ मामलों में देखा गया है कि सिर में चोट लगने के कारण मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। डॉ. बिप्लब दास कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर, डिमेंशिया और स्ट्रोक की समस्या होने पर ब्रेन सेल्स डैमेज हो जाती हैं। इससे सिग्नलिंग प्रभावित होती है। इसलिए इन मेडिकल कंडीशन में भी मिर्गी की बीमारी हो सकती है।
मिर्गी के कारण आमतौर पर दौरे पड़ते हैं। इस दौरान व्यक्ति अपनी कॉन्शियसनेस खो देता है। उसके शरीर की मसल्स अनियंत्रित हो जाती हैं और शरीर में अजीबोगरीब तरीके से अकड़न हो सकती है। इस दौरान शरीर में झटके लग सकते हैं, कंपकंपी हो सकती है। अगर मिर्गी की बीमारी माइनर है तो अस्थाई रूप से भ्रम की स्थिति बन सकती है। कई बार हो सकता है कि शख्स किसी एक जगह देर तक टकटकी लगाकर देखता रह जाए। उसे अचानक तेज गर्मी या सर्दी लग सकती है। उसके रोंगटे खड़े हो सकते हैं। जबकि मिर्गी की समस्या गंभीर होने पर दौरे पड़ते हैं और कंडीशन बहुत खराब हो सकती है। हो सकता है कि किसी शख्स को हफ्ते में एक बार मिर्गी का दौरा पड़ सकता है, जबकि दूसरे शख्स को दिन में कई बार दौरे पड़ सकते हैं। क्योंकि दूसरे शख्स की लाइफस्टाइल और खानपान मिर्गी के दौरे को ट्रिगर कर देते हैं।