ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में आर्थिक विकास को गति देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना से अनेक बड़े परिवर्तन हो रहे हैं। देश में सड़क, रेल और हवाई सेवाएं पहले से बेहतर हुई हैं। इससे माल ढुलाई की लागत में धीरे-धीरे कमी आ रही है। उम्मीद है कि आने वाले सालों में देश में लॉजिस्टिक यानि कि माल ढुलाई की लागत में उल्लेखनीय कमी देखने को मिलेगी। इसके लिए सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है जिससे देश में माल ढुलाई से लेकर उसके भंडारण में आसानी आएगी।
फिलहाल भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की करीब 14 फीसदी है। इसके अगले दो से पांच वर्षों के दौरान 9 फीसदी से नीचे आने की संभावना व्यक्त की गई है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी सिंगल डिजिट में लागत को लाने का दावा कर चुके हैं। इसके लिए देश में हाईस्पीड सड़क कॉरिडोर बनाए जाने की येजना पर भी काम शुरू हो चुका है। ध्यान रहे कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में लॉजिस्टिक की लागत जीडीपी के 12 फीसदी या उससे कम है। ऐसे में भारत बुनियादी ढांचे को मजबूत कर इसमें कमी लाना चाहता है। इसके लिए पीएम गति शक्ति योजना कारगर साबित हो रही है।
बीते तीन वर्षों में योजना के जरिए 15 लाख, 39 हजार करोड़ रुपये की लागत से 208 बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सिफारिश की गई है। इसमें कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं तो कई शीघ्र पूरी होने की संभावना है। अभी तक स्वीकृत परियोजनाओं में सड़क की 101, रेलवे की 73, शहरी विकास की 12, तेल व गैस की चार और बाकी अन्य क्षेत्रों की हैं।
ये है गति शक्ति योजना
बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और लॉजिस्टिक व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए अगस्त 2021 में प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना की घोषणा की गई थी। विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए 13 अक्टूबर 2021 को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस-एनएमपी) लॉन्च किया गया था। केंद्र सरकार ने प्रारंभ में 16 मंत्रालयों के बीच तालमेल से सड़क, रेल, तेल, गैस, बिजली, एयरपोर्ट, बंदरगाह, इंडस्टि्रयल पार्क एवं कॉरिडोर के साथ मल्टी लॉजिस्टिक पार्क बनने के लिए परियोजनाओं का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जिससे परियोजनाओं की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने से लेकर मंजूरी मिलने, क्रिन्यान्वयन और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के काम में तेजी आई।
क्या है मकसद
योजना का मुख्य मकसद देश में रेल, सड़क, एयरपोर्ट, बंदरगाह और लॉजिस्टिक पार्क की व्यवस्था बेहतर करके माल ढुलाई यानी लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च को कम करना है। इसमें ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले कंटेनर की क्षमता बढ़ाना और सीधे मार्गों को विकसित करना भी शामिल है। प्रमुख उद्देश्य आधारभूत ढांचे के विकास के साथ निवेश को आकर्षित कर औद्योगिक क्षेत्र को गति देकर लाखों युवाओं को रोजगार देना भी है।
गति शक्ति के बाद आया ये बदलाव
– योजना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए से अधिक की कुल पूंजी लागत वाली सभी परियोजनाएं पीएम गति शक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) के समक्ष आती हैं।
– पहले परियोजनाओं की स्वीकृति मैन्युअल मिलती थी पर अब पीएम गति शक्ति के तहत सभी विभागों की मंजूरी एवं एनओसी को ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे पर्यावरण, वन तथा वन्य जीवन से जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी मिलने में आसानी हुई है।
– निर्माण कार्य की जानकारी भी गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया ताकि उन परियोजनाओं को तय समय के अंदर पूरा कराने में मदद मिले।
अगले चरण में योजना
अभी तक पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत परियोजनाओं पर काम हो रहा था पर देश में बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार डिस्ट्रिक्ट मास्टर प्लान भी लेकर आई है। इसे 17 जिलों में शुरू किया गया है। बाकी शेष जिलों में आगामी 18 माह में इसे शुरू किया जाएगा। इससे जिला स्तर पर कोई भी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, नगर एवं जिला विकास से जुड़े कार्य की डीपीआर बनाने और उसे समय से पूरा करने में मदद मिलेगी। डिस्ट्रिक मास्टर प्लान के तहत देश के 44 केंद्रीय मंत्रालय और 36 राज्य सरकारों को जोड़ा गया है।