ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर तक रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। मकसद है भारत और रूस के रक्षा क्षेत्र में आपसी संबंध को और मजबूत करना। साथ ही वो कालिनिनग्राद जाएंगे, जहां पर आईएनएस तुशील की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल होंगे। यह जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया जा रहा है।
यह स्टेल्थ फ्रिगेट है। इसे रक्षामंत्री नौसेना में शामिल करेंगे। राजनाथ सिंह मास्को में भी महत्वपूर्ण रणनीतिक वार्ता में भी शामिल होंगे।
यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे चार फ्रिगेट में से पहला होगा। इसके शामिल होने से इंडो-पैसिफिक में उभरती रणनीतिक चुनौतियों के बीच भारत की नौसैनिक शक्ति को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस दौरान अपने रूसी समकक्ष एंड्री बेलौसोव के साथ बातचीत करेंगे।
रूस दो फ्रिगेट आईएनएस तुशील और आईएनएस तमाला की करेगा आपूर्ति
भारत ने रूस से चार गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को लेकर 2016 में डील की थी। पहले दो फ्रिगेट की सीधी खरीद के लिए 1 बिलियन डॉलर के अनुबंध को अंतिम रूप दिया गया था। इसके बाद नवंबर, 2018 में भारतीय साझेदारी के माध्यम से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने शेष दो जहाजों को घरेलू स्तर पर बनाने के लिए सामग्री, डिजाइन और तकनीकी सहायता के लिए रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के साथ 500 मिलियन डॉलर का सौदा किया था। भारतीय रक्षा मंत्रालय और जीएसएल के बीच औपचारिक अनुबंध जनवरी, 2019 में हस्ताक्षरित किया गया था। अनुबंध के मुताबिक रूस दो फ्रिगेट आईएनएस तुशील और आईएनएस तमाला की आपूर्ति करेगा, जबकि अन्य दो का निर्माण रूस के तकनीकी सहयोग से भारत में किया जाएगा।