ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद में विवादित हिंदू साधु यति नरसिंहानंद द्वारा प्रस्तावित धर्म संसद के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में उत्तर प्रदेश प्रशासन पर नफरत भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया था और इस आयोजन में भड़काऊ भाषणों की आशंका जताई गई थी।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह याचिका पर विचार नहीं करना चाहती। बेंच ने अपने पहले के आदेशों को दोहराया जिसमें जिला अधिकारियों को सभी एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया था। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को इस मुद्दे पर हाईकोर्ट से संपर्क करने का निर्देश दिया।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा, हमारे पास अन्य मामले भी हैं जो उतने ही गंभीर हैं। यदि हम इस पर विचार करते हैं तो हम बाढ़ में डूब जाएंगे। आपको हाईकोर्ट से संपर्क करना होगा। हम इस पर विचार नहीं कर सकते। कोर्ट ने इस मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से भी निगरानी रखने को कहा।
याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने आगे कहा कि नरसिंहानंद को इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह नफरत भरे भाषण नहीं देंगे। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को जमानत रद करने के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा।
अदालत ने कहा, अगर आप सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं तो हाईकोर्ट से जमानत रद करने के लिए संपर्क क्यों नहीं करते? हम याचिकाकर्ताओं को उचित उपायों का लाभ उठाने के लिए खुला छोड़ते हैं। हम पहले के आदेश को भी दोहराते हैं कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए और सभी अधिकारी इसका पालन सुनिश्चित करें।