अलवर। सरकारी स्कूलों में खाली समय मिलते ही टीचर इधर-उधर बैठकर टाइम पास करने लग जाते हैं, लेकिन उनके सामने राजस्थान के अलवर में एक सरकारी प्रिंसिपल ने अनूठी मिसाल पेश की है, जिसे सभी टीचरों को फॉलो करना चाहिए। दरअसल, सरकारी स्कूल की छत क्षतिग्रस्त होने के कारण बारिश के दिनों में टपकती थी। इन सर्दियों की छुट्टियों में प्रिंसिपल रामनाथ मीणा खुद मिस्त्री बन गए और उन्होंने खुद स्कूल के क्षतिग्रस्त हिस्सों की रिपेयरिंग कर डाली। उनकी इस मिसाल की हर अब तरफ तारीफ हो रही है।
हैरान करने वाला यह मामला अलवर जिले के थानागाजी तहसील के गुवाड़ा जनावत गांव का है, जहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल की यह अनूठी मिसाल देखने को मिली। इस दौरान प्रिंसिपल रामनाथ मीणा ने शीतकालीन अवकाश का लाभ उठाते हुए स्कूल के टॉयलेट, क्षतिग्रस्त छत और अन्य हिस्सों की स्टाफ की मदद से मरम्मत कर डाली। प्रिंसिपल ने बताया कि बारिश के मौसम में स्कूल की क्लासों की छत से पानी टपकता था जिसके कारण सभी को परेशानी होती थी। इसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने शीतकालीन अवकाश में इस समय का उपयोग किया और क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त कर दिया।
3 किमी दूर घर से आकर अपने मिशन काे दिया अंजाम
शीतकालीन अवकाश को देखते हुए प्रिंसिपल रामनाथ मीणा ने स्कूल के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत करने की ठानी। इस दौरान रामनाथ मीणा ने अपने निवास से प्रतिदिन 3 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में आकर काम किया। उनका साथ स्कूल में पोषाहार तैयार करने वाली महिला पतासी देवी ने भी दिया। महिला ने इस दौरान बेलदारी का काम किया। मिस्त्री बने प्रिंसीपल ने स्कूल के कमरों, छतों और टॉयलेट के क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त किया।
उनके इस अभियान को देखकर स्थानीय ग्रामीण, भामाशाह और स्कूल के स्टाफ के लोग भी जुट गए। जानकारी के अनुसार प्रिंसिपल रामनाथ मीणा 2012 से विद्यालय में कार्यरत हैं।