ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।आदिवासी समुदाय का अपना लोक शासन, लोक कला और संस्कृति है। ये आदिवासी जन लोक कथाओं और लोक कलाओं के सहारे इस विरासत और परंपरा को जैसे-तैसे बचाए हुए हैं। पूर्व की किसी भी सरकार ने इस बारे में सोचा ही नहीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर 2024 को रांची में आह्वान किया कि आदिवासी संस्कृति का दस्तावेजीकरण आवश्यक है। तब पंचायतीराज मंत्रालय ने 26 जनवरी 2025 को झारखंड सरकार के साथ मिलकर ‘हमारी परंपरा, हमारी विरासत’ अभियान शुरू किया। मंत्रालय अब अन्य नौ अधिसूचित राज्यों में भी दस्तावेजीकरण कराने जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत 15 अगस्त को होगी।
मंत्रालय ने बताया कि इस कार्य के लिए राज्य सरकार की टीम के साथ विभिन्न अनुसूचित जनजाति समुदायों की पारंपरिक शासन व्यवस्था के अभिन्न अंग, सांस्कृतिक विरासत, लोक गीत, त्योहारों और पूजा-प्रथाओं को साझा किया जा रहा है। यथासंभव साक्ष्यों, फोटो, वीडियो आदि के माध्यम से उनका दस्तावेजीकरण किया जा रहा है।