ब्लिट्ज ब्यूरो
अहमदाबाद। सीमा सुरक्षा बल और सीआईएसएफ में तैनाती के बाद जुलाई, 2023 में गुजरात लौटे आईपीएस अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह मलिक एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने अहमदाबाद में इतिहास का सबसे बड़ा बुलडोजर एक्शन करके एक झटके में ‘मिनी बांग्लादेश’ को साफ कर दिया। दरअसल, अहमदाबाद के नरोल और ईसनपुर रोड के बीच में पड़ने वाली चंदोला झील (चंडोला लेक) पर काफी समय से अतिक्रमण था। यहां पर अवैध बांग्लादेशियों के रहने का मामला तूल पकड़ा रहा था। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घुसपैठियों पर एक्शन लेने की अनुमति दी तो अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने महज 22 मिनट में दो दशक पुराने अतिक्रमण को साफ कर दिया। चंडोला झील के किनारे सभी अवैध निर्माण हुए ध्वस्त।
2009 के बाद हुआ एक्शन
जीएस मलिक ने निगम आयुक्त वंछानिधि पाणी के साथ तालमेल से चंडोला तालाब को अतिक्रमण मुक्त करने की तैयारी की। डिमोलिशन ड्राइव में 70 से अधिक जेसीबी, 200 से ज्यादा ट्रक, 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ 1500 से अधिक निगम कर्मियों को लगाया गया। इसके अलावा पूरे शहर की पुलिस को अलर्ट पर रखते हुए 20 एसआरपी कंपनियों की मदद ली। इसके चलते चंडोला तलाब के किनारे 2000 अवैध झोपड़े और 3 रिसोर्ट को जमींदोज कर दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में जीएस मलिक की पुख्ता तैयारी काम आई। वह डिमोलिशन ड्राइव के दौरान खुद डीजीपी विकास सहाय के साथ ग्राउंड जीरो पर पहुंचे, तो वहीं राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कंट्रोल रूम से इस कार्रवाई को देखा। चंडोला तालाब पर 2009 में निगम के द्वारा कार्रवाई की गई थी, लेकिन हाल का बुलडोजर एक्शन अहमदाबाद के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
अहमदाबाद पुलिस आयुक्त के अनुसार जब पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों की जांच की थी तो इस क्षेत्र में रहने वाला लल्लू बिहारी उर्फ लालू बिहारी मास्टरमाइंड के तौर सामने आया था। उसने तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण करके एक पूरा साम्राज्य बना रखा था। वह अवैध बांग्लादेशियों को दस्तावेज बनवाने में मदद करता था। इसके अलावा वह यहां पर उन्हें रहने की जगह देता था। इसके चलते चंडोला तालाब अवैध बांग्लादेशियों का बड़ा अड्डा बन गया था। मलिक ने कहा कि उसके पास 200 से अधिक ऑटो थे। वह घोड़ा भी रखता था। सरकारी जमीन पर निर्माण के लिए उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की है। कानूनी कार्रवाई जारी है। मलिक के अनुसार लालू बिहारी का नाम महमूद पठान है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि वह रेंट एग्रीमेंट करके आधार कार्ड बनवा देता था। झील के किनारे बन गए थे 2000 से अधिक झोपड़े।
पहले भी आए थे सुर्खियों में
जीएस मलिक पहली बार सुर्खियों में नहीं आए हैं। जब वह बीएसएफ में तैनात थे तो वह भारत पाकिस्तान बॉर्डर के कठिन क्षेत्रों में शामिल हरामी नाला पहुंचे थे। इससे पहले गुजरात में कई जिलों के एसपी रह चुके जीएस मलिक ने भरूच में तैनाती के वक्त बाहुबली विधायक छोटू वसावा को अरेस्ट करके सनसनी फैला दी थी। जीएस मलिक हरियाणा के पलवल जिले के रहने वाले हैं। वह 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। मलिक को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भरोसेमंद भी माना जाता है।
क्यों बड़ा है यह ऑपरेशन?
गुजरात में पिछले साल सोमनाथ और इस साल की शुरुआत में द्वारका में बड़ा बुलडोजर एक्शन हुआ था लेकिन जीएस मलिक ने राज्य के सबसे संवेदनशील शहर अहमदाबाद में शांतिपूर्ण बुलडोजर एक्शन पूरा करके नई लकीर खींच दी है। उन्होंने 15 साल के अतिक्रमण को एक झटके में साफ कर दिया।