ब्लिट्ज ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बैठक में सीएम हेल्पलाइन 1905 पर उन लोगों से संवाद किया, जिनकी शिकायतें उन्होंने पिछली बैठक में सुनी थीं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि उनकी शिकायतों का निस्तारण हुआ कि नहीं। इस दौरान लक्ष्मी देवी (उत्तरकाशी) की शिकायत शिक्षा विभाग से संबंधित पारिवारिक पेंशन के लिए नॉमिनी बनाए जाने को लेकर थी। जिसका अब समाधान हो गया है। जगदंबा प्रसाद नौटियाल (रुद्रप्रयाग) को अपने मेडिकल बिलों के भुगतान में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अब उनका बकाया मेडिकल बिल पास कर दिया गया है, जिससे वे अत्यंत संतुष्ट हैं। वहीं, बहादुर सिंह बिष्ट (नैनीताल) जो बागवानी विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें अपने जीपीएफ की राशि प्राप्त नहीं हो पा रही थी।
सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 पर दर्ज शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं उनके मामले की निगरानी की और अब उनकी समस्या का समाधान कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि जनता की शिकायतों को आंकड़ों की तरह नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की पीड़ा के रूप में लें। उन्होंने कहा कि हर शिकायत का समयबद्ध निस्तारण ही जनविश्वास का मूल आधार है।
सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिए हैं कि जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए। चेतावनी देते हुए कहा कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।
सीएम ने दिखाई संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न सिर्फ सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा की, बल्कि वह बैठकों के बाद होने वाली कार्रवाई पर भी संवेदनशीलता के साथ नजर बनाए हुए हैं।
इसी क्रम में सीएम अब पुनः शिकायतकर्ताओं से वास्तविक फीडबैक ले रहे हैं। इससे विभागों पर भी शिकायतों के निस्तारण में तत्परता दिखाने का दबाव बन रहा है।