आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारत ने एक विस्तारित रेंज वाली पनडुब्बी रोधी राकेट प्रणाली का परीक्षण किया है। इससे भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। विस्तारित रेंज एंटी सबमरीन राकेट (ईआरएएसआर) का परीक्षण आइएनएस कवरत्ती से सफलतापूर्वक किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, भारतीय नौसेना और इस प्रणाली के विकास एवं परीक्षण में शामिल उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को सफलतापूर्वक शामिल करने से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। यह रॉकेट प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी पनडुब्बी रोधी हथियार है।
भारतीय नौसेना की ओर से कहा गया है कि इसमें दो रॉकेट मोटर स्थापित हैं जो उच्च सटीकता और स्थिरता के साथ व्यापक रेंज की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं। इस दौरान कुल 17 ईआरएएसआर का विभिन्न श्रेणियों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
नौसेना की क्षमता बढ़ी
ईआरएएसआर के सफल परीक्षण से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता में वृद्धि हुई है। यह भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक जवाबदेही को नई मजबूती प्रदान करेगा। आने वाले महीनों में एंटी सबमरीन राकेट के बड़े पैमाने पर उत्पादन और बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल होने की संभावना है।































