ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रही है और दुश्मन देशों को अपने युद्धाभ्यास के जरिए आगाह भी कर रही है। इस साल भारतीय नौसेना ने नेवी डे का समारोह अरब सागर के किनारे तिरुवनंतपुरम में मनाने का फैसला किया है।
नेवी डे समारोह हर साल चार दिसंबर को मनाया जाता है। इस साल इसे अरब सागर के किनारे तिरुवनंतपुरम में मनाने का फैसला अधिकारियों के बीच कई बार की चर्चा के बाद लिया गया है। इस जगह का चुनाव सरकार ने एक पहल के बाद किया गया है जिसमें सरकार चाहती है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम अलग-अलग क्षेत्रों में मनाए जाएं। यह समारोह पिछले साल बंगाल की खाड़ी में पुरी तट के करीब मनाया गया था।
   नौसेना दिवस पर कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें जहाजों, पनडुब्बियों और भारतीय नौसेना में शामिल विमानों का प्रदर्शन किया जाता है।
क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस?
नेवी डे हर साल 4 दिसंबर को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की याद में मनाया जाता है। इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह को भारी नुकसान पहुंचाया था। भारतीय नौसेना ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाते हुए कराची बंदरगाह पर भीषण बमबारी की थी, जिससे कई दिनों तक कई दिनों तक बंदरगाह सुलगता रहा था। नौसेना के इस ऑपरेशन से भारत को काफी फायदा मिला था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नौसेना की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारतीय नौसेना अलर्ट मोड में थी। आदेश मिलते ही नौसेना कराची में समुद्र और जमीन पर हमला कर सकती है। ऑपरेशन के दौरान नौसेना की कड़ी निगरानी से पाकिस्तान का कोई भी युद्धपोत आगे आने की हिमाकत नहीं कर सका। वहीं अब भारतीय नौसेना का ध्यान अरब सागर पर है, यह क्षेत्र भारत की सुरक्षा के लिए काफी अहम है।













			

















