ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के विस्तार से 17 हजार परिवार प्रभावित होंगे। 7 सरकारी स्कूलों को भी दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ेगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए 14 गांवों की 1857 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। इससे आसपास रह रहे लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा। सरकार लोगों को दूसरी जगह बसाने और मदद करने की योजना बना रही है।
इस साल मई और जून में एक सर्वे किया गया था। इसमें पता चला कि ज्यादातर प्रभावित परिवार छोटे किसान या खेतिहर मजदूर हैं। उनकी सालाना कमाई 50 हजार से 1 लाख रुपये के बीच है। केवल 4% लोग ही साल में 5 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं। सर्वे के आधार पर एक योजना बनाई गई है। इसमें कहा गया है कि लोगों की जीविका खेती और पशुपालन पर निर्भर है, इसलिए, नई जगह पर पशुओं के लिए भी सुविधाएं होनी चाहिए।
रहने के लिए मिलेंगे सबको प्लॉट
जिला प्रशासन ने जेवर कस्बे के पास 340 हेक्टेयर जमीन चुनी है। यहां प्रभावित परिवारों को बसाया जाएगा। यह जगह अलावलपुर, मंगरौली, अहमदपुर चौरौली और नीमका शाहजहांपुर में है। यहां आधुनिक सुविधाओं वाला एक नया गांव बनाया जाएगा। परिवारों को उनके आकार के हिसाब से 50 से 500 वर्ग मीटर के प्लॉट मिलेंगे। नई जगह पर सड़कें, पीने का पानी, सीवेज सिस्टम, बिजली, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी, राशन की दुकानें और श्मशान घाट जैसी सुविधाएं होंगी। जानवरों के लिए भी जगह होगी।
अविवाहित बेटियों को भी मिलेगा प्लॉट
इस योजना में महिलाओं को भी बराबर का हक दिया गया है। अविवाहित बेटियों को भी बेटों की तरह अलग प्लॉट और आर्थिक मदद मिलेगी। कुल 17,945 प्रभावित परिवारों को एक साल के लिए 3 हजार रुपये महीना गुजारा भत्ता, 50 हजार रुपये परिवहन मुआवजा और अनुसूचित जाति और जनजाति परिवारों को 50 हजार रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। हर परिवार के एक सदस्य को एयरपोर्ट से जुड़े कामों में नौकरी दी जाएगी।
ज्यादा मुआवजा चाहते हैं कई गांवों के लोग
हालांकि जिला प्रशासन की इस योजना से कई गांव वाले आक्रोशित हैं। नीमका शाहजहांपुर में केवल 1 प्रतिशत, ख्वाजपुर में 20 और थोरा में 50 प्रतिशत परिवारों ने ही सर्वे में भाग लिया। वे और ज्यादा सरकारी मुआवजा चाहते हैं। सात सरकारी स्कूलों को भी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। ये स्कूल बनवारीवास, किशोरपुर, रामनेर, नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर, थोरा और जेवर बांगर इलाके में हैं। इन स्कूलों को नई जगह पर मुफ्त जमीन दी जाएगी, लेकिन अभी जो जमीन उनके पास है, उसके लिए कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।
4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिलेगा मुआवजा
जिला प्रशासन की इस योजना को अभी राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। एडीएम (भूमि अधिग्रहण) बच्चू सिंह ने बताया कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद हम अंतिम योजना प्रकाशित करेंगे। इसके बाद औपचारिक रूप से पुनर्वास क्षेत्र घोषित करेंगे। जमीन मालिकों को 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा मिलेगा। यह पिछली बार से 40 प्रतिशत अधिक है।
मंजूरी का इंतजार
यूपी सरकार से मंजूरी मिलने के बाद हम अंतिम योजना प्रकाशित करेंगे। इसके बाद औपचारिक रूप से पुनर्वास क्षेत्र घोषित करेंगे।
एडीएम (भूमि अधिग्रहण) बच्चू सिंह































