संजय द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में खेती के कार्य करने वाले लाखों मजदूरी को बड़ी राहत प्रदान की है। अब कृषि कार्यों में लगे मजदूरों को न्यूनतम 252 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी या 6552 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
नए प्रावधानों के तहत अब पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन जैसे कार्यों को भी कृषि श्रम की श्रेणी में रखा गया है। योगी सरकार के इस फैसले से लाखों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। इस फैसले की खास बात यह है कि अब पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन जैसे कार्यों में लगे श्रमिकों को भी न्यूनतम मजदूरी के तहत सुरक्षा और लाभ मिल सकेगा जो पहले असंगठित क्षेत्र में आते थे।
इसके अलावा मजदूरी का भुगतान अब सिर्फ कैश तक सीमित नहीं रहेगा। सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजिटल माध्यम में भी मजदूरी भुगतान करने का फैसला लिया है। इससे लेनदेन पारदर्शी होगा और श्रमिकों को समय पर मजदूरी मिल सकेगी।
अब श्रमिकों को प्रति घंटे के हिसाब से भी न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी। यह व्यवस्था खास तौर से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो पूरे दिन के बजाय कुछ घंटों के लिए काम करते हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि जो श्रमिक पहले से इस नई दर से अधिक मजदूरी पा रहे हैं उन्हें उनका पुराना लाभ मिलता रहेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता होगी और मजबूत
सरकार का मत है कि इस ऐतिहासिक फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार ने इसे सिर्फ आर्थिक निर्णय नहीं बल्कि श्रमिकों को सम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने वाला कदम बताया है। प्रदेशभर में सभी प्रकार की खेती, बागवानी, सिंचाई, फसल कटाई और कृषि सहायक कार्यों पर ये नई मजदूरी दरें लागू होंगी। माना जा रहा है कि यह फैसला श्रमिकों के कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।































