ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क का भारत पर खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि अधिकांश भारतीय वस्तुएं पहले से ही अमेरिकी शुल्क छूट की श्रेणी में आती है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह अनुमान जताया है। इसके साथ ही भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी भी व्यापार समझौते में कृषि, डेयरी और आनुवंशिक रूप से संवर्धित खाद्य उत्पादों पर कोई शुल्क रियायत नहीं देगा।
सूत्रों के मुताबिक, भारत के कुल निर्यात का बड़ा हिस्सा पहले ही अमेरिकी सरकार की तरफ से सेक्शन 232 के तहत दी जाने वाली छूट के दायरे में आता है। ऐसे में उन उत्पादों पर बढ़ा हुआ शुल्क लागू नहीं होगा। सूत्रों ने कहा, भारत से अमेरिका को होने वाले आधे से अधिक निर्यात इस शुल्क वृद्धि से अप्रभावित रहेंगे। नई शुल्क नीति से लगभग 40 अरब डॉलर के निर्यात पर ही असर पड़ने की आशंका है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर रहा था। इसमें भारत से निर्यात 86.5 अरब डॉलर जबकि अमेरिका से आयात 45.3 अरब डॉलर था। सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के डेयरी उद्योग में पशु चारे का इस्तेमाल होने की वजह से भारत के लिए उन पर शुल्क सब्सिडी दे पाना संभव नहीं होगा। सूत्र ने कहा, डेयरी क्षेत्र में धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। ऐसी स्थिति में अमेरिकी डेयरी उत्पाद स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी उत्पादों पर शुल्क छूट नहीं दी है। इन संवेदनशील क्षेत्रों पर कोई समझौता नहीं होगा।