ब्लिट्ज ब्यूरो
जींद। हरियाणा के जींद में शादी के 19 साल बाद एक दंपती के घर बेटी का जन्म हुआ। संतान के लिए 19 साल से तरस रहे दंपती ने उम्मीद छोड़कर भाई का बेटा तक गोद ले लिया था। मगर 19 साल, एक महीने के बाद बिना कोई दवा लिए दंपती को संतान प्राप्ति का सुख मिला। बेटी के जन्म पर दंपती ने गांव ही नहीं, आसपास के 21 गांवों को चूल्हा न्योता देते हुए भव्य जश्न मनाया।
 बेटे के जन्म पर की जाने वाली कुआं पूजन की रस्म भी की। डीजे बजा, खुशी में परिवार और महिलाएं खूब थिरकीं। कार्यक्रम में 24 खापों के प्रधान समेत करीब आठ हजार लोग नवजात बेटी को आशीर्वाद देने पहुंचे। ये जश्न हुआ गांव थुआ में। बेटी के पिता सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान भी हैं। उनका कहना है कि यह समाज के लिए संदेश भी है कि बेटी और बेटा बराबर होते हैं।
    उचाना हलके के गांव थुआ निवासी सुरेंद्र की 9 जून 2006 को झील गांव की कृष्णा के साथ सुरेंद्र की शादी हुई। शादी के काफी समय बाद भी संतान नहीं हुई, तो उन्होंने पहले कैथल, उसके बाद हिसार और चंडीगढ़ से मेडिकल ट्रीटमेंट लिया।
10 से ज्यादा बार गर्भपात झेला, कोख में बच्चे की ग्रोथ नहीं हुई
 सुरेंद्र ने बताया कि पत्नी गर्भवती होतीं, लेकिन कोख में बच्चा ग्रोथ नहीं कर पाता। दूसरे-तीसरे महीने में ही गर्भपात हो जाता। 10 से ज्यादा बार उनकी पत्नी कृष्णा को गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा। जब उन्होंने डॉक्टर से पता किया तो पीजीआई के डॉक्टरों ने बताया कि कृष्णा का जो ब्लड ग्रुप है, उसके कारण यह दिक्क त आ रही है। इसी कारण संतान सुख प्राप्ति की संभावना कम है।
   ताने मिलने लगे तो भाई का बेटा गोद लिया
आसपास की महिलाएं आपस में बातें बनाने लग गईं ं। पीठ पीछे ताने दिए जाने लगे थे। जैसे-जैसे समय बीतता रहा, वह बच्चे की उम्मीद छोड़ने लगे। तब सुरेंद्र व उनकी पत्नी ने बच्चा गोद लेने का मन बनाया। सुरेंद्र ने अपने बड़े भाई के बेटे को गोद ले लिया। एक साल पहले कृष्णा फिर से गर्भवती हुईं। दूसरे-तीसरे महीने तक किसी तरह की दिक्क त नहीं आई।
 बेटी का नाम रखा भूमि
 इस बार मेडिकल टेस्ट करवाए गए तो बच्चे की ग्रोथ ठीक लगी। इसके बाद उन्होंने सावधानी बरतनी शुरू कर दी। शादी के 19 साल, एक महीने बाद उन्हें संतान प्राप्ति हुई। इससे उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटी का नाम भूमि रखा गया। नॉर्मल डिलीवरी के बाद स्वस्थ बेटी के जन्म के बाद सुरेंद्र ने मन बनाया कि बेटी होने की खुशी में वह भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
21 गांवों को न्योता
सुरेंद्र बताते हैं कि मन में इतनी खुशी थी कि जी चाह रहा था कि हर किसी को पार्टी दूं। अपने भाईचारे के साथ बैठक की जिसमें फैसला लिया कि पूरे गांव को न्योता दूंगा। हालांकि इससे भी सुरेंद्र का मन नहीं भरा, उन्होंने तपा (गांवों का समूह) के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर थुआ तपा के सभी 21 गांवों को चूल्हा न्योता दे दिया। सुरेंद्र की पत्नी के मायके से पीलिया आया। यह एक पारंपरिक रस्म है जिसमें मायके से उपहार आदि आते हैं। इसी मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें जिले की 24 खापों के प्रधान के अलावा आठ हजार लोग पहुंचे और बच्ची को आशीर्वाद दिया। ग्रामीणों का हलवा-पूरी, दो सब्जी, चावल आदि परोसे गए।
सिर पर मटका रख कुआं पूजन
 में झूमी-नाची महिलाएं
गांव में कुआं पूजन करवाया गया। कृष्णा के सिर पर मटका रखकर कुएं की तरफ जाते समय महिलाएं नाचीं। गांव के सरकारी स्कूल में खाने-पीने का कार्यक्रम किया गया था, जहां पर बड़ा टेंट लगाया गया था। पीलिया लेकर आए बच्ची के मामा ने दिल खोलकर रुपए बिखेरे। 













			

















