ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई ने कहा है कि नवंबर में रिटायरमेंट से पहले उपयुक्त (सूटेबल) घर मिलना मुश्किल है, लेकिन मैं नियमों के तहत तय समयसीमा में अपना सरकारी आवास खाली कर दूंगा। सीजेआई गवई ने ये बात जस्टिस सुधांशु धूलिया के विदाई कार्यक्रम में कही।
सीजेआई ने कहा, ‘मैं जस्टिस धूलिया को सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद से जानता हूं। वे बहुत ही गर्मजोश और न्यायपालिका को समर्पित व्यक्ति हैं। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। धूलिया उन जजों में से एक होंगे जो रिटायरमेंट के बाद अपना सरकारी आवास तुरंत खाली कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को रिटायर हुए थे, लेकिन उन्होंने 265 दिनों के बाद 1 अगस्त, 2025 को सरकारी बंगला खाली किया।
सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने सरकार को लेटर लिखा था
सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने 1 जुलाई को केंद्रीय आवास और नगरीय मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखा था। इसमें कहा कि 5 कृष्ण मेनन मार्ग बंगला पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पजेशन में है। उन्हें बंगले को पास रखने की अनुमति भी 31 मई, 2025 को खत्म हो गई है। इसे बिना देर किए खाली कराएं। बंगला खाली न कर पाने को लेकर पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था, ‘ऐसा निजी कारणों के चलते हुआ। सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन को इस बारे में जानकारी दी थी।
मैं सरकारी बंगले में समयसीमा से ज्यादा नहीं रहना चाहता था, लेकिन मेरी बेटियों को कुछ खास सुविधाओं वाले घर की जरूरत है। इस साल फरवरी से मैं लगातार घूम रहा हूं। मैंने सर्विस अपार्टमेंट और होटल भी देखे, लेकिन वहां जाया नहीं जा सकता।
पूर्व सीजेआई ने ये भी बताया था, ‘मैंने 28 अप्रैल को तब चीफ जस्टिस रहे संजीव खन्ना को लिखित में जानकारी दी थी कि मैं उपयुक्त घर की तलाश कर रहा हूं। मुझे 30 जून तक इसी बंगले में अनुमति दें, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला।’
चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि उन्होंने चीफ जस्टिस बीआर गवई से भी बात की थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि जल्द से जल्द बंगला छोड़ देंगे।































