ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। चुनाव आयोग ने पिछले छह साल में चुनाव न लड़ने वाले उत्तर प्रदेश के 115 दलों का पंजीकरण रद कर दिया है। इसमें कई दलों का इनके बताए पते पर भी कोई वजूद नहीं था। अब ये दल न सियासी दलों को मिलने वाले किसी लाभ के हकदार होंगे और न ही इनकम टैक्स छूट जैसी सुविधाओं का उपयोग कर पाएंगे। आयोग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
पिछले छह साल में एक भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव न लड़ने वाले यूपी के 119 दलों को आयोग ने नोटिस देकर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान केवल 24 दल ही आए थे।
95 दलों के प्रतिनिधियों ने आयोग के सामने अपना पक्ष रखना भी उचित नहीं समझा। जिन 24 दलों ने अपने दस्तावेज पेश किए थे, उसमें भी 20 दल मानक के अनुसार नहीं पाए गए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने कुल 115 दलों का पंजीकरण रद कर दिया है। हालांकि, इन्हें इसके खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का मौका दिया गया है। इसमें 17 दल वाराणसी, 6 गाजियाबाद, 5-5 नोएडा व कानपुर और 4-4 बिजनौर, देवरिया, प्रयागराज के पते पर पंजीकृत थे।
लखनऊ के 29 दल शामिल
आदर्श मानवतावादी पार्टी, आदर्श राष्ट्रीय विकास पार्टी, अखिल भारतीय विकास कांग्रेस पाटी, ऑल इंडिया पिछड़ा जन समाज पार्टी, अपना दल, बहुजन उत्थान पार्टी (ज), भागीदारी क्रांति दल, भारतीय समुदाय पार्टी, भारतीय एकता मंच पार्टी, भारतीय जन मानस पार्टी, हाईटेक पार्टी, जन रोवत पार्टी, जन सृजन पार्टी, जन स्वाभाविक पार्टी, जन विकास पार्टी सेक्युलर, महिला सशक्तिकरण पार्टी, नागरिक सेवा पार्टी(आर), न्यू मदरलैंड पार्टी, परम दिग्विजय दल, पैट्रियोटिक पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनाधार पार्टी, राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (क्रांतिकारी), राष्ट्रीय शहरी विकास पार्टी, सबकी पार्टी, समान भागीदारी पार्टी, स्वराज्य पार्टी ऑफ इंडिया, वैचारिक क्रांति पार्टी और विकास पार्टी।































