ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बड़ा ऐलान किया है। अब संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज स्वतः हो जाएगा। खतौनी में नाम चढ़ाने से लेकर पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे तक, कई अहम बदलाव लागू किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि इन कदमों से लोगों को तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और संपत्ति विवादों में भारी कमी आएगी। राज्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि अब तहसील की लंबी प्रक्रिया से राहत मिलेगी। साथ ही पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा मात्र पांच हजार रुपये के स्टाम्प पर हो सकेगा।
रजिस्ट्री के बाद सीधे दाखिल खारिज
अब तक किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के बाद लोगों को खतौनी में नाम दर्ज कराने के लिए 35 दिन तक तहसील की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह प्रक्रिया स्वतः हो जाएगी। यानी रजिस्ट्री विभाग के अंदर ही दाखिल-खारिज का काम पूरा हो जाएगा, नगर निकायों में स्थित संपत्तियों के नामांतरण की प्रक्रिया भी अब रजिस्ट्री विभाग के जरिए ही की जाएगी।
पांच हजार रुपये में होगा संपत्ति का बंटवारा
राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि पारिवारिक संपत्ति के विवादों को खत्म करने के लिए नई योजना लाई जा रही है। इसके तहत चार पुश्तों तक की संपत्ति का बंटवारा आपसी सहमति से महज पांच मिनट में संभव होगा। इसके लिए केवल 5000 रुपये का स्टांप लगेगा। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में सबसे अधिक मुकदमे संपत्ति विवादों से जुड़े होते हैं। इस नई व्यवस्था से ऐसे मामलों में बड़ी कमी आएगी।
किरायेदारी विवाद खत्म
करने के लिए आसान नियम
सरकार किरायेदारी विवादों को कम करने के लिए किरायेदारी समझौते के पंजीकरण को भी सरल बना रही है। अब रेंट एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन केवल 1000, 2000 और 3000 रुपये में संभव होगा। इसके जरिए मकान मालिक और किरायेदार दोनों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और विवादों पर नियंत्रण होगा।
घरौनी को बारकोड से जोड़ने की योजना
गांवों में संपत्ति को लेकर धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने घरौनी को बारकोड से जोड़ने का फैसला किया है। इस बारकोड में यह जानकारी दर्ज होगी कि जमीन कब और किसने खरीदी या बेची है। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि जमीन बेचने वाला व्यक्ति वास्तविक मालिक है या नहीं। यह व्यवस्था एक ही जमीन की बार-बार रजिस्ट्री करने जैसे घोटालों पर रोक लगाएगी।
रजिस्ट्री कार्यालय होंगे आधुनिक
पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर अब रजिस्ट्री कार्यालयों को भी अत्याधुनिक बनाया जाएगा। स्टॉप वेंडरों को छोटे मूल्य के स्टांप पर अधिक कमीशन मिलेगा। साथ ही एटीएम की तर्ज पर स्टांप पेपर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब कई माध्यमों से किया जा सकेगा वहीं विवाह पंजीकरण की सुविधा भी विवाह स्थल पर उपलब्ध कराई जाएगी ताकि लोगों को अतिरिक्त परेशानी न उठानी पड़े।