ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में ‘माइन मित्रा’ पोर्टल में खामियां पाई हैं। कैग ने पाया कि इसका सत्यापन तंत्र दोषपूर्ण है। ‘माइन मित्रा’ पोर्टल को वर्ष 2022 के डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्स में प्लेटिनम अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि सरकार ने तन्त्र की कमी को स्वीकार किया और कहा कि पोर्टल पर सत्यापन की प्रणाली विकसित की जा रही हैं।
यूपी में ट्रांजिट पास (ई-एमएम-11) ‘माइन मित्रा’ पोर्टल से ही सृजित किए जाते हैं। ठेकेदारों द्वारा कार्यदायी संस्थाओं में रायल्टी भुगतान के प्रमाण के रूप में ट्रांजिट पास प्रस्तुत किए जाते हैं। इन पासों को अन्य राज्यों सहित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा एक ही पोर्टल पर व्यक्तिगत लॉगिन के माध्यम से पुष्ट किया जाता है। लेखा परीक्षा के दौरान जिला पंचायत संभल (कार्यदायी संस्था) के अभिलेखों की जांच की गई जिसमें ठेकेदार ने सिविल कार्य में उपयोग किए गए उप खनिज के सापेक्ष उत्तराखंड से जारी ट्रांजिट पास प्रस्तुत किया। इस पास को ‘माइन मित्रा’ पोर्टल से पुष्ट भी कर दिया गया। यह मूल रूप से 10 जनवरी 2018 को किसी अन्य व्यक्ति को जारी किया था। इसके अलावा अन्य विवरण भी मूल ट्रांजिट पास से मेल नहीं खाते थे।
राजस्व लक्ष्य पूरा करने में असफल रहा विभाग
कैग ने वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक की राजस्व प्राप्तियों के आंकड़ों का भी परीक्षण कर पाया कि विभाग राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति में असफल रहा। महज 2017-18 में ही विभाग बजट अनुमान से ज्यादा का लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रहा था। इसके बाद से हर साल राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान से कम ही रहीं।