ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जी-20 देशों में भारत में बेरोजगारी दर सबसे कम है। यह घटकर दो फीसदी पर आ गई है, जो कई अन्य देशों के मुकाबले भी कम है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि के साथ विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन हुआ है। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) सहित अन्य योजनाओं ने इसमें योगदान दिया है।
मांडविया ने एक कार्यक्रम में कहा कि पीएम-वीबीआरवाई के तहत दो वर्षों के दौरान कुल 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए 99,446 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें से 1.92 करोड़ नौकरियां पहली बार कार्यबल में शामिल होने वालों को लाभान्वित करेंगी। मंत्री ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कुल दो लाख करोड़ रुपये के बजट वाली पांच प्रमुख योजनाओं के पैकेज की घोषणा की थी। एनसीएस प्लेटफॉर्म डिजिटल रोजगार सुविधा के लिए प्रमुख मंच के रूप में उभरा है।
केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि रोजगार बढ़ाने के लिए मंत्रालय व डिजिटल मेंटरशिप प्लेटफॉर्म ‘मेंटर टुगेदर’ और क्विकर के बीच समझौता हुआ है। पहले वर्ष में दो लाख युवाओं तक इसके पहुंचने की उम्मीद है। इनमें एनसीएस से 1 लाख और पीएम-वीबीआरवाई में प्रवेश लेने वाले 1 लाख युवा शामिल हैं। एनसीएस मंच पर 52 लाख पंजीकृत नियोक्ताओं, 5.79 करोड़ नौकरी चाहने वालों व 7.22 करोड़ से अधिक रिक्तियों की जानकारी है।