ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आगामी 1 अक्टूबर से गैर-सरकारी क्षेत्र के एनपीएस सब्सक्राइबर्स को बड़ी सुविधा मिलेगी। अब वे किसी एक एनपीएस स्कीम में अपने फंड का 100% हिस्सा इक्विटी (शेयरों) में निवेश कर सकेंगे। यह बदलाव हाल ही में पेश किए गए मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (एमएसएफ) के तहत किया गया है। इसके तहत जो लोग सरकार की नौकरी में नहीं हैं, वे अब अपने स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) के माध्यम से अलग-अलग सीआरए (केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियां जैसे सीएमएस , प्रोटिएन और के फिनटेक ) में कई स्कीमें रख सकेंगे। बता दें कि पहले तक यह सुविधा सीमित थी। यानी प्रति टियर, प्रति सीआरए केवल एक ही स्कीम रखने की अनुमति थी।
क्या है अधिसूचना
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि पीएफआरडीए ने पेंशन फंड्स (पीएफ्स) को यह अनुमति दी है कि वे अलग-अलग सब्सक्राइबर समूहों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई स्कीमें ला सकें। इनमें डिजिटल इकॉनमी वर्कर, स्वयं-रोजगार वाले प्रोफेशनल्स और कॉर्पोरेट कर्मचारी (जहां नियोक्ता भी योगदान करता है) शामिल होंगे। हर स्कीम में कम से कम दो वेरिएंट होना जरूरी होगा। 1. मॉडरेट रिस्क और 2. हाई रिस्क (जिसमें 100% तक इक्विटी में निवेश की अनुमति होगी)। पेंशन फंड चाहें तो लो-रिस्क विकल्प भी दे सकते हैं।
एग्जिट और विदड्रॉल नियम
बाहर निकलने की शर्तें और एन्युटाइजेशन पहले की तरह ही पीएफआरडीए रेगुलेशन्स के तहत लागू रहेंगी।
स्विचिंग नियम : एमएसएफ के तहत शुरू की गई स्कीम से कॉमन स्कीम में स्विच करना वेस्टिंग पीरियड के दौरान अनुमति होगी लेकिन सेक्शन 20(2) स्कीमों के बीच स्विचिंग केवल तभी संभव होगी, जब कम से कम 15 साल का वेस्टिंग पीरियड पूरा हो जाए, या नॉर्मल एग्जिट के समय।