ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। किसानों ने मेहनत, अनुभव और वैज्ञानिक नवाचार का जबरदस्त मिश्रण कर बकरी की एक ऐसी क्रॉस-ब्रीड नस्ल को तैयार किया है, जिसका नाम ‘सोनपरी’ है। पारंपरिक नस्लों को पीछे छोड़ते हुए सोनपरी न सिर्फ अधिक दूध देती है, बल्कि एक साथ चार बच्चे जन्म देने की क्षमता और रोगों से लड़ने की जबरदस्त ताकत भी रखती है। वैज्ञानिक अब इस नस्ल का पंजीकरण कर देश-दुनिया में पहचान दिलाने की कवायद में जुट गए हैं।
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की वैज्ञानिक डॉ. वंदना ने बताया कि दो साल पहले संस्थान की टीम ने यूपी में पशुओं के नस्ल की पहचान करने के लिए एक सर्वे किया था। इस दौरान ही सोनपरी नस्ल के बारे में डिटेल जानकारी प्राप्त हुई। दरअसल, काफी पहले सोनभद्र और मिर्जापुर के इलाकों में किसानों की मदद के लिए और उनकी गरीबी दूर करने के लिए बेरारी नस्ल की बकरी उनके बीच बांटी गईं थी। इसे पालकर वो इसके दूध से बच्चों का पालन-पोषण करते थे। लेकिन बीते कुछ वक्त से इन्हीं किसानों ने बैरारी बकरी और ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरे को क्रास कराकर एक नई नस्ल तैयार कर दी।
मालूम हो कि ब्लैक बंगाल पश्चिम बंगाल की नस्ल है लेकिन इसका पालन सोनभद्र, वाराणसी, मिर्जापुर, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी किया जाता है। इसी के चलते किसानों ने ये नया प्रयोग किया। ब्लैक बंगाल नस्ल खासतौर से मीट के लिए अपनी पहचान रखती है। वजन में सोनपरी नस्ल के बकरे 24 से 28 किलो के होते हैं।
सोनपरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता है अधिक
डॉ. वंदना का कहना है कि सोनपरी बकरी की एक सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये 22 फीसद केस में चार बच्चे तक देती है। जबकि सामान्य तौर पर ये दो से तीन बच्चे देती है। जबकि दूसरी नस्ल की बकरियां कुछ खास केस में ही तीन बच्चे तक देती हैं। बकरी पालकों के बीच इसे पसंद किए जाने की एक और बड़ी वजह ये है कि इस नस्ल में रोगों से लड़ने की क्षमता दूसरों के मुकाबले बहुत ज्यादा है क्योंकि सोनपरी नस्ल में ब्लैक बंगाल का अंश है तो इसके मीट का टेस्ट भी अलग है। इसे मीट के लिए कितना पसंद किया जाता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे बकरों के मुकाबले इसका मीट 200 रुपये किलो महंगा बिकता है।
सोनपरी नस्ल की ऐसे कर सकते हैं पहचान
वैज्ञानिक ने बताया कि अगर आप बाजार में सोनपरी नस्ल के बकरे-बकरी खरीदने जा रहे हैं तो इनकी पहचान बहुत ही आसान है। ये दिखने में डार्क ब्राउन कलर के होते हैं। इनकी पीठ यानि रीढ़ की हड्डी पर गर्दन से लेकर पूंछ तक काले रंग के उभरे हुए बाल होते हैं। इतना ही नहीं गले पर काले उभरे हुए बालों की रिंग (गोला) होती है। सींग नुकीले पीछे की ओर होते हैं। ये मध्यम आकार की बकरी है। पूंछ के पास थाई पर भी ब्राउन और ब्लैक कलर के उभरे हुए बाल होते हैं।