ब्लिट्ज ब्यूरो
अमेठी। अमेठी वासियों का 45 साल पुराना सपना पूरा हो गया। तिलोई में बने मेडिकल कॉलेज को 50 सीटों के लिए मान्यता मिल गई। इसमें इसी सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के प्रयासों से तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 2020 में तिलोई में मेडिकल कॉलेज के निर्माण को मंजूरी दी थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के लिए जिला मुख्यालय पर निर्माण हेतु भूमि की तलाश की गई थी लेकिन राजनीतिक रार के चलते मेडिकल कॉलेज को तिलोई के गोबरे गांव शिफ्ट कर दिया गया। यहां पर 6.5 हेक्टेयर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का 3 जनवरी 2022 को जगदीशपुर में एक जनसभा करने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिलान्यास किया था।
मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 301.12 करोड़ की लागत तय की गई। कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी अयोध्या द्वारा कराए गए टेंडर में वेन्सा इंफ्रा कंपनी को निर्माण का कार्य मिला। मेडिकल कॉलेज का निर्माण ईपीसी यानी इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन अनुबंध पर कराया जा रहा है।
कई दशक से था इंतजार
अमेठी में मेडिकल कॉलेज बनाने का सपना 80 के दशक में ही देखा गया। 1983 में मुंशीगंज में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। इसके लिए सरकार ने जमीन भी लीज पर उपलब्ध कराई थी। तब तीन साल के भीतर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक उस जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण नहीं हो सका। अब वह सपना पूरा होने जा रहा है।
मिलेंगी सुविधाएं
तिलोई में मेडिकल कॉलेज बन जाने के बाद लोगों को इलाज के लिए लखनऊ तक की दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी। इससे न सिर्फ उनके समय की बचत होगी बल्कि नजदीक ही अच्छा इलाज उन्हें उपलब्ध हो सकेगा। इसके साथ ही मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को भी नजदीक ही सरकारी कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस पर अमेठी वासियों की चार दशकों की प्रतीक्षा पूर्ण होना सुखद और ऐतिहासिक है। तिलोई मेडिकल कॉलेज न सिर्फ अमेठी के लोगों को आरोग्य का वरदान प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर तमाम तरह से रोजगार की नई संभावनाओं का सृजन भी करेगा। मेडिकल कॉलेज से निकले डॉक्टर पूरे देश में अपनी सेवाओं से लोगों को लाभान्वित करेंगे। स्मृति ईरानी ने कहा कि सांसद होने के नाते अपने कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को संभव करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। 200 बेड के अस्पताल, जिला अस्पताल में तमाम सुविधाओं की बढ़ोतरी, सैकड़ों जन आरोग्य केंद्रों के साथ अब मेडिकल कॉलेज की सुविधा मिलने से अमेठी के आम जन को बड़ा लाभ होगा।’
उन्होंने कहा कि अमेठी का प्रत्येक नागरिक जानता है कि किस तरह चार दशकों तक मेडिकल कॉलेज के लिए संघर्ष किया गया। मेडिकल कॉलेज के नाम पर जमीनें अधिग्रहित हुईं लेकिन कॉलेज नहीं बन सका। आज प्रधानमंत्री ने 50 सीटों की मान्यता देकर अमेठी को मेडिकल हब बनाने की दिशा में बड़ी सौगात दी है। यह दिन अमेठी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है।