आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारत के ‘प्रचंड’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने ग्लोबल अटैक हेलीकॉप्टर मार्केट में एक दमदार और सस्ते कंपीटीटर के रूप में उभरकर अपनी पहचान बना ली है। ‘फियर्स’ नाम से जाना जाने वाला यह स्वदेशी हेलीकॉप्टर उन देशों के लिए एक मल्टीरोल और किफायती ऑप्शन प्रदान कर रहा है, जो एडवांस लड़ाकू हेलीकॉप्टर चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक, अर्जेंटीना, नाइजीरिया और फिलीपींस ने एचएएल द्वारा विकसित ‘प्रचंड’ को खरीदने में गहरी रुचि दिखाई है।
‘प्रचंड’ की सबसे बड़ी ताकत इसकी प्रतिस्पर्धी कीमत है। यह इसे उन विकासशील देशों के लिए सुलभ बनाती है जिनके पास सीमित रक्षा बजट है। आपको बता दें, यह हेलीकॉप्टर अपनी असाधारण उच्च-ऊंचाई परिचालन क्षमता के कारण महंगे यूरोपीय और तुर्की हेलीकॉप्टरों की तुलना में एक आकर्षक ऑप्शन बन गया है.
जहां एक यूरोकॉप्टर टाइगर की कीमत लगभग 73 मिलियन डॉलर है, वहीं प्रचंड की अनुमानित यूनिट कीमत करीब 45.53 मिलियन डॉलर है, जो इसे करीब 38 प्रतिशत सस्ता बनाता है।
इतना ही नहीं, ‘प्रचंड’ में 55 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह स्वदेशीकरण पर जोर देने से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होती है, जिससे एचएएल निर्यात के लिए लचीली कीमत तय करने में सक्षम हो पाता है।
उच्च-ऊंचाई पर बेहतर प्रदर्शन
कारगिल युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया ‘प्रचंड’ दुनिया के उन गिने-चुने हेलीकॉप्टरों में से एक है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) से अधिक की ऊंचाई पर प्रभावी ढंग से उतरने और उड़ान भरने की क्षमता रखता है। इतना ही नहीं, इसे जमीन पर हमला, हवाई युद्ध और टोही अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। प्रचंड ने पहले ही भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर चीन के साथ हुए संघर्षों के दौरान अपनी क्षमताओं को सिद्ध किया है। यह इसे पहाड़ी और चुनौतीपूर्ण इलाकों वाले देशों के लिए आदर्श बनाता है।
कई देशों ने प्रचंड में रुचि दिखाई है, जिनमें से तीन के साथ बातचीत आगे बढ़ चुकी है। ये देश हैं –
nनाइजीरिया- नाइजीरिया चार ‘प्रचंड’ यूनिट्स के लिए करीब अंतिम चरण की बातचीत में है। नाइजीरिया इसे तुर्की के टी129 अटैक और यूरोपीय टाइगर पर प्राथमिकता दे रहा है।
nअर्जेंटीना- अर्जेंटीना के अधिकारियों ने एचएएल प्लांट का दौरा किया था और 20 ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टरों के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। अर्जेंटीना इसे अपने पुराने बेड़े को बदलने के रूप में किफायती ऑप्शन के रूप में देख रहा है।
nफिलीपींस- फिलीपींस के साथ भी बातचीत अंतिम चरणों में है। यह देश समुद्री और द्वीपीय रक्षा के लिए बहुमुखी लड़ाकू हेलीकॉप्टर चाहता है, जिसके लिए प्रचंड एकदम बेस्ट ऑप्शन है।
आत्मनिर्भरता और निर्यात लक्ष्य
‘प्रचंड’ की अंतर्राष्ट्रीय अपील भारत की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की नीति को मजबूत करती है। एचएएल की योजना तुमकुरा सुविधा में सालाना 30 प्रचंड हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करने की है, ताकि 156 यूनिट के घरेलू ऑर्डर (थल सेना के लिए 90 और वायु सेना के लिए 66) को समय पर पूरा किया जा सके। इसके साथ ही, एचएएल का लक्ष्य निर्यात के जरिए भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना भी है।