ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड के बयान को आधार बनाते हुए राम मंदिर के फैसले को रद कराने की मांग करने वाले वकील को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने वकील महमूद प्राचा पर कुल ₹6 लाख का जुर्माना लगाया है, जिसमें से ₹1 लाख निचली अदालत द्वारा पहले ही लगाया जा चुका था और अब जिला न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने ₹5 लाख की अतिरिक्त पेनल्टी जोड़ दी है। अदालत ने कहा कि प्राचा की याचिका तुच्छ, भ्रमपूर्ण और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वाली है।
प्राचा ने अपनी याचिका में 2019 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले को शून्य और अमान्य घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक भाषण में स्वीकार किया था कि अयोध्या फैसला भगवान श्री राम लला विराजमान द्वारा प्रदत्त समाधान था, जिससे न्यायिक निष्पक्षता पर सवाल उठता है।































