ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। देश के सबसे बड़े सरकारी लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 20,160 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। सालाना आधार पर यह 10% बढ़ा है। बैंक ने यस बैंक में अपनी 13.18 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है। पिछले साल की समान तिमाही में एसबीआई को ₹18,331 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था।
इस मुनाफे में यस बैंक की 13.18% हिस्सेदारी बेचने से मिले 4,593.22 रुपए का प्रॉफिट भी शामिल है। जुलाई-सितंबर तिमाही में स्टेट बैंक की टोटल इंटरेस्ट इनकम यानी ब्याज आय 1.20 लाख करोड़ रुपए रही।
पिछले साल की समान तिमाही में यह 1.13 लाख करोड़ रुपए थी। सालाना आधार पर यह 5.08% बढ़ी है। वहीं दूसरी तिमाही में एसबीआई की स्टैंड-अलोन नेट इंटरेस्ट इनकम 42,984 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 41,620 करोड़ रुपए थी। सालाना आधार पर यह 3.28% बढ़ी है।
नेट एनपीए 9% कम होकर
₹18,460 करोड़ रहा
दूसरी तिमाही के दौरान बैंक का नेट एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट 9.04% कम होकर 18,460 करोड़ रुपए रह गया है। जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान यह 20,294 करोड़ रुपए था। एसबीआई ने 17 सितंबर को यस बैंक में अपनी 13.18% हिस्सेदारी ₹21.50 प्रति शेयर के भाव पर बेच दी, जिससे बैंक को ₹4,593.22 करोड़ का मुनाफा हुआ था। कंपनी ने इस मुनाफे को एक्सेप्शनल इनकम यानी असाधारण आय माना है, जिसे कैपिटल रिजर्व में डाला जाएगा। हिस्सेदारी बेचने के बाद 30 सितंबर 2025 तक एसबीआई की यस बैंक में हिस्सेदारी घटकर 10.78% रह गई है। एसबीआई को फिर भी निवेश सहयोगी यानी एसोसिएट कंपनी के रूप में माना जाएगा।




























