ब्लिट्ज ब्यूरो
मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि भारत खुशकिस्मत है कि उसके पास मोदी हैं। वे किसी के दबाव में नहीं आते। उन्होंने यह बात मॉस्को में मीडिया को दिए इंटरव्यू में कही।
पुतिन ने भारत को ‘ग्रेट पावर’ बताया और कहा कि भारत की तरक्की कई देशों को चुभ रही है। उन्होंने पीएम मोदी की लीडरशिप, भारत-रूस संबंधों, ग्लोबल पॉलिटिक्स और अमेरिका की नीतियों पर खुलकर बात की।
जब पुतिन से पूछा गया कि क्या अमेरिका भारत पर टैरिफ लगाकर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, तो पुतिन ने साफ कहा कि भारत अपनी इंडिपेंडेंट पॉलिसी पर चलता है।
अमेरिका पर तंज कसते हुए पुतिन ने कहा कि वॉशिंगटन खुद हमसे न्यूक्लियर एनर्जी खरीदता है और फिर ज्ञान देने की कोशिश करता है। अमेरिका, भारत को रूस से तेल खरीदने पर दोषी ठहराने की कोशिश करता है। यह साफ तौर पर दोहरा रवैया है, जिसे अब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं समझ रही हैं।
इंटरव्यू के मुख्य अंश
सवाल : भारतीयों को क्या संदेश देना चाहेंगे
जवाब : रूस के लोगों में भारतीय संस्कृति की छवि मनमोहक है। रूसी लोगों को भारतीय संगीत और फिल्में बेहद पसंद हैं। रूसी लोगों ने भारतीय संस्कृति को पूजा जैसी अहमियत दी। यह दिल से दिल का रिश्ता है।
सवाल : किस भारतीय पीएम की वजह से भारत-रूस के रिश्ते अच्छे हुए
जवाब : हम भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम कर रहे हैं। हमारे दोस्ताना संबंध हैं। वो ईमानदारी से काम कर रहे हैं। भारत के लोग खुशकिस्मत हैं। मोदी एक विश्वसनीय और ईमानदार नेता हैं। ऐसे ईमानदार व्यक्ति से बात करना बेहद सुखद है। उनकी बातचीत दिलचस्प होती है।
सवाल : गाजा को लेकर क्या प्लान है, ट्रंप के पीस-प्लान पर आपकी क्या राय है
जवाब : गाजा एक जटिल मुद्दा है जो लंबे समय से अनसुलझा है और किसी भी समझौते में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। यहां शासन व्यवस्था को इस तरह व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि नियंत्रण फिलिस्तीनी लोगों के हाथों में जा सके। सभी देश फिलिस्तीन को लेकर चिंतित हैं। सभी चाहते हैं कि फिलिस्तीन राष्ट्र बने। ये कहना कि किसी ने कुछ नहीं किया, गलत होगा। ये समस्या दशकों से उलझी हुई है। इसका समाधान रातों रात नहीं होगा। ट्रम्प ने जो किया है वो गाजा को दोबारा बसाने के लिए अच्छा है।
सवाल : दुनियाभर में बढ़ते आतंकवाद को लेकर क्या कहेंगे
जवाब : आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस भारत के साथ है। आजादी के लिए लड़ना है तो कानूनी तरीके से लड़ो।
सवाल : भारत और चीन के तनाव में संतुलन कैसे बनाएंगे
जवाब : दोनों देश हमारे करीबी दोस्त हैं। हमें उनके द्विपक्षीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग किसी नतीजे पर जरूर पहुंचेंगे। दोनों नेता तनाव कम करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भारत और चीन दोनों के नेता मेरे अच्छे दोस्त हैं। दोनों ही बुद्धिमान नेता हैं। वो मिलकर इसका हल निकाल लेंगे।
सवाल : भारत के साथ ट्रेड बढ़ाने पर आपका क्या इरादा है
जवाब : इसमें कोई बाधा नहीं है। यह अर्थव्यवस्था का मामला है। भारत ने कोई रुकावट पैदा नहीं की क्योंकि उन्हें तेल और उससे बने उत्पाद और उर्वरक चाहिए। पीएम मोदी हमारे सामने यह मुद्दा उठाते हैं। ये पेमेंट से जुड़ा मुद्दा नहीं है। मैंने अपने अफसरों को आदेश दिया है कि भारत से हम जो आयात करते हैं उसमें क्या और नया जोड़ सकते हैं उस पर काम करें। रूस भारत से ज्यादा सामान खरीदने की सोच रहा है, जिसका मकसद भारतीय आयात को बढ़ाना और दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को पाटना है।
सवाल : जी8 का विकल्प क्या है
जवाब : देखिए बात यह है कि दुनिया हमेशा बदलती रहती है। हम वैश्विक बदलाव के गवाह है। हम इस बारे में एक घंटे बात कर सकते हैं, लेकिन आपकी जनता इस बातचीत से ऊब जाएगी। हालांकि मैं बता दूं ग्लोबल साउथ में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। भारत ही नहीं, इंडोनेशिया भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
सवाल : क्या अमेरिकी अधिकारियों ने आपको जी8 में शामिल होने के लिए कहा।
जवाब : सच बात यह है कि मैं इन बैठकों में जाना पहले ही बंद कर चुका था। मैं समझ नहीं पाता कि ये अपने को ग्रेट देश क्यों कहते हैं। आज भारत इनसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इन जी7 देशों की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है। जर्मनी को ही देख लीजिए, 3 साल से मंदी झेल रहा है। मैंने विटकॉफ को समझाया कि मैंने जी8 की बैठकों में जाना क्यों बंद किया। ये एक प्लेटफॉर्म है, इसे काम करने दीजिए।
सवाल : क्या रूस जी8 में वापस जुड़ना चाहता है
जवाब : नहीं
सवाल : ट्रंप के टैरिफ के दबाव का मुकाबला भारत-रूस कैसे करेंगे
जवाब : आप जिस दबाव की बात कर रहे हैं वो दरअसल राजनीति का इस्तेमाल कर आर्थिक हितों को साधने की कोशिश है। भारत के साथ हमारे रिश्तों पर इसका असर नहीं पड़ता। रूस ने भारत के तेल सेक्टर में निवेश किया है। हमारी कंपनी वहां रिफाइनरी पर काम कर रही है। भारत हमसे सस्ती कीमत पर तेल खरीद रहा है और यूरोप में बेच रहा है। यह बात लोगों को चुभ रही है, कि कैसे वह ऐसा कर रहा है। यह बात उन्हें चुभ रही है और इसके लिए वे नए हथकंडे अपना रहे हैं। हमारी बड़ी तेल कंपनी ने भारतीय रिफाइनरी का अधिग्रहण किया है। यह सबसे बड़े निवेश में से एक है। यहां 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश है। अमेरिका अब भी अपने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए रूस से परमाणु ऊर्जा की खरीद करता है। इनमें अमेरिका में चल रहे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम भी शामिल है। अगर अमेरिका खुद अपनी ऊर्जा जरूरतें रूस के जरिए पूरी करता है तो फिर भारत की खरीद को लेकर उन्हें आपत्ति क्यों है? भारत 150 करोड़ लोगों का देश है जहां विकास की दर 7.7 है। यह मोदी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
– भारत से ज्यादा सामान खरीदने की सोच रहा रूस
– भारत की 7.7 प्रतिशत की ग्रोथ दर पीएम मोदी की लीडरशिप का परिणाम































