ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर एक बेटी को अपनी 91 वर्षीय मां से मिलने की अनुमति मिल गई है। कोर्ट ने बेटी को जुहू स्थित घर में दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक मां से मिलने की अनुमति दी। इस दौरान उसे घर में रहने और एकांत में बातचीत करने की भी छूट होगी। यह आदेश जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस श्याम चांडक ने दिया।
बेटी ने आरोप लगाया था कि भाई के घर में मां को उससे मिलने नहीं दिया जाता और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है। याचिका के अनुसार, पहले वह मां की देखभाल कर रही थी लेकिन भाई को ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद मां उसके घर गई और तब से वही रोक लिया गया। बेटी ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन बावजूद इसके मिलने की इजाजत नहीं मिली। इसके बाद उसने हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर मां को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और कस्टडी सौंपने की मांग की।
कोर्ट ने पुलिस द्वारा दर्ज मां के बयान का हवाला देते हुए कहा कि वह अपनी मर्जी से बेटे के साथ रह रही है। मां ने कहा था कि वह बेटी से मिलने के बाद 29 सितंबर 2025 से बेटे के साथ रह रही है।































