ब्लिट्ज ब्यूरो
आगरा। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बीमा सखी की नियुक्ति की एक अनूठी पहल शुरू की गई है। योजना के तहत सभी 690 ग्राम पंचायतों में एक-एक बीमा सखी को नियुक्त किया जाएगा, जिससे ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार मिल सकेगा। शुरुआती चरण में 100 से अधिक महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया है।
उपायुक्त (स्वत: रोजगार) राजन राय ने बताया कि योजना ग्रामीण महिलाओं को स्थायी आय प्रदान करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम है। सरकार का लक्ष्य है कि बीमा सखी योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को बीमा के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाए। पंजीकृत बीमा सखियों को पहले आईआरडीए की परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद चयनित बीमा सखियों को बीमा कंपनी की ओर से ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रोडक्ट की व्यापक ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें 7 हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन मानदेय के रूप में दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रत्येक सफल बीमा पर आकर्षक कमीशन भी मिलेगा, जिससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि होगी।
राजन राय ने बताया कि पहले बैच में 9 बीमा सखियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। बीमा सखियों का चयन होने के बाद उन्हें सभी प्रकार के बीमा कंपनी की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे ग्रामीणों की जरूरत के हिसाब से सही पॉलिसी बेच सकें। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था और वित्तीय समावेशन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
अछनेरा की नीलम बनीं पहली बीमा सखी
इस योजना की पहली सफलता आगरा के अछनेरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत बरौली की नीलम शर्मा ने हासिल की है। बीमा सखी नीलम ने न केवल आईआरडीए की परीक्षा सफलतापूर्वक पास की, बल्कि बीमा कंपनी द्वारा प्रोडक्ट ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद अपना पहला बीमा भी कर लिया है। उन्होंने 2 लाख रुपए बीमा धन राशि का बीमा किया है।































