ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर यंग लोगों में हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक का खतरा देखने को मिल रहा है जो काफी चौंकाने वाला है और अब डॉक्टर्स हेल्दी, एक्टिव लाइफस्टाइल की सलाह दे रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोग हेल्दी लाइफस्टाइल के नाम पर केवल समय जिम में एक्सरसाइज करते हैं। उन्हें लगता है कि वो हार्ट अटैक से बच जाएंगे। ऐसे में एक कार्डियक सर्जन ने इंस्टाग्राम पर बताया कि केवल जिम जाने से हार्ट को प्रोटेक्ट नहीं किया जा सकता है। इसके साथ और भी चीजों का होना जरूरी है।
कार्डियक सर्जन ने बताया कि एक्सरसाइज करना जरूरी है लेकिन केवल एक्सरसाइज हार्ट अटैक से नहीं बचा सकती। वजन उठाने और रनिंग करने के बाद भी काफी लोगों को हार्ट अटैक आ रहा, जिनका आपरेशन करना पड़ा। डॉक्टर ने बताया कि हार्ट अटैक के लिए कई फैक्टर्स का रोल होता है जो हार्ट की बीमारी को पैदा करते हैं। जिस पर हर रोज कोई ध्यान नहीं देता। इन वजहों से पैदा होती है हार्ट की बीमारी, जिन पर कंट्रोल जरूरी है।
फूड : एक्सरसाइज की मदद से आप कैलोरी तो बर्न कर सकते हैं लेकिन गलत और अनहेल्दी फूड्स आर्टरीज को डैमेज करती हैं। इसे एक्सरसाइज से ठीक नहीं किया जा सकता। अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं कर पा रहे और ब्लड शुगर हर दिन घटती-बढ़ती रहती है तो इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है और धमनियों पर पड़ने वाला प्रेशर हार्ट अटैक को न्योता देता है। धमनियों में प्लाक जमना खराब खानपान और एक्टिव लाइफस्टाइल के ना होने से धमनियों में फैट प्लाक के रूप में जमना शुरू हो जाते हैं। साथ ही इन्फ्लेमेशन रहता है जो हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होता है।
नींद: मात्र एक सप्ताह की खराब नींद आपके ब्लड प्रेशर और कॉर्टिसोल को बढ़ा देती है। इससे रेस्टिंग हार्ट रेट भी बढ़ जाता है। अच्छी हार्ट हेल्थ के लिए रात की नींद बेहद जरूरी है क्योंकि हार्ट रात को ही रिपेयर होता है। अगर नींद पूरी नहीं होती तो हार्ट को नुकसान होना तय है।
स्ट्रेस: स्ट्रेस हार्मोंस आर्टरीज को बेहद कड़ा बना देते हैं। खासतौर पर इमोशनल स्ट्रेस हार्ट अटैक को ट्रिगर करता है। फिर वो इंसान चाहे कितना भी फिट क्यों न हो।
मेटाबॉलिक मार्कर्स: डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ट्राईग्लिसराइड, विसरल फैट, शरीर में खराब मेटाबॉलिज्म का नतीजा हैं। अक्सर ये सारी चीजें हार्ट अटैक के रिस्क को तेजी से बढ़ाती हैं।
इन्फ्लेमेशन: एनवायरमेंट के खराब होने का सीधा असर हार्ट हेल्थ पर होता है। पॉल्यूशन की वजह से लोगों में हार्ट डैमेज का रिस्क बढ़ जाता है।
पैसिव स्मोकिंग और वैपिंग
अगर आप सिगरेट नहीं पी रहे लेकिन धुआं सांस से जरिए शरीर के अंदर जा रहा है तो डायरेक्ट हार्ट आर्टरीज को ब्लॉक करने लगता है। इसकी वजह से ब्लड फ्लो हार्ट में कम होता है और हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
ओकेजनल ड्रिंकिंग : अगर आप किसी स्पेशल मौके पर ही शराब पीते हैं तो भी हार्ट अटैक का रिस्क बना रहता है। ओकेजनल ड्रिंकिंग भी शरीर में इंफ्लेमेशन को बढ़ाती है और हार्ट डैमेज का रिस्क रहता है।































