ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली । ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के परिप्रेक्ष्य में वैश्विक कूटनीति के तहत विदेश यात्रा पर गए भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान की झूठी कहानी की विदेशों में पोल खोलने का काम किया, अब देश लौट रहे हैं। भारत के इन विश्वदूतों ने वैश्विक मंच पर आतंकिस्तान यानी कि पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है।
सभी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जिस उद्देश्य को लेकर गए थे; उसे पूरा करने में सफल रहे हैं। कोलंबिया ने भी पाकिस्तान के समर्थन वाला अपना बयान वापस ले लिया है। लाइबेरिया भी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के साथ खड़ा रहेगा। इसी तरह की प्रतिक्रिया अन्य देशों ने भी व्यक्त की है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अल्जीरिया
इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वदेश लौटकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से 3 जून को मुलाकात की। जयशंकर ने प्रतिनिधिमंडल से इस बारे में फीडबैक प्राप्त की कि किस प्रकार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने के लिए विभिन्न देशों में बेनकाब किया।
भाजपा नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने महत्वपूर्ण राजनयिक दौरे के बाद यहां जयशंकर से भेंट के दौरान उनके कार्यालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा करने के बाद स्वदेश लौट आया है।
सभी चार देशों में विशेष रूप से अल्जीरिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस के रुख का समर्थन किया। इन देशों में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कई बैठकों के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की तथा पहलगाम आतंकवादी हमले और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर आतंकवाद को मिल रहे पाकिस्तान के समर्थन को उजागर किया।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एवं पूर्व विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने कहा, यह एक बहुत अच्छी बैठक थी और हमने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को अपनी फीडबैक दी। प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने अपने इनपुट दिए और उनके साथ अपने विचार साझा किए। जब उनसे पूछा गया कि मंत्री ने उन्हें क्या बताया तो उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (जयशंकर ने) हमें बताया कि हमारे उद्देश्य पूरे हो गए हैं और उन्होंने प्रतिनिधिमंडल तथा उसके नेता को बधाई दी।’ पांडा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी विदेश यात्रा सफल रही। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एकजुट थे और उन्होंने जिन देशों की यात्रा की, वहां बहुत कड़ा संदेश दिया।
विदेश मंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा और सतनाम सिंह संधू शामिल थे। आठ-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में निशिकांत दुबे और असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे।
उल्लेनखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐसे सात सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल 33 देशों के लिए भेजे थे। प्रधानमंत्री मोदी भी विदेश दौरा करने वाले सभी 7 ग्रुपों के लौटने पर प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात कर सकते हैं। इन सदस्यों से 9 या 10 जून को प्रधानमंत्री की मुलाकात हो सकती है।
जब बात देश और इंडिया की हो तो हम एक होते हैं : कनिमोझी
डेलिगेशन की सदस्य और डीएमके सांसद एम के कनिमोझी ने इस अभियान को काफी सफल बताया। उन्होंने कहा कि डेलिगेशन सफलतापूर्वक आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब कर पाया है। हमने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब किया। इस यात्रा के दौरान हमने भारत और प्रधानमंत्री के मैसेज को दुनिया के सामने रखा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवाद से परेशान है। देश में भले ही हम अलग-अलग बातें करते हों लेकिन जब बात देश और इंडिया की आती है तो हम एक होते हैं और इस कमिटमेंट को डेलिगेशन ने बहुत अच्छे से दुनिया को दिखाया। डेलीगेशन ने विदेशों में भारत का परचम फहराया। डेलिगेशन ने बताया कि भारत अब आतंक बर्दाश्त नहीं करेगा।
लाइबेरिया आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के साथ
भारत का एक प्रतिनिधिमंडल मोनरोविया (लाइबेरिया) भी पहुंचा। यहां भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया ने कहा कि पाकिस्तान सोचता है कि इस्लामी दुनिया उनके साथ खड़ी होगी। हमने यूएई से कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने के लिए कुरान और धर्म का इस्तेमाल करता है। उसका कुछ उपाय कीजिए। यूएई ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान धर्म का दुरुपयोग कर रहा है।
प्रतिनिधिमंडल के दूसरे सदस्य बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछकर हत्या की। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि लाइबेरिया हमारा पुराना मित्र है। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के लिए चुनाव लड़ेगा। ऐसा लगता है कि डीआर कांगो और लाइबेरिया, दोनों ही अस्थायी सदस्यों की सीटें जीतेंगे। एक अच्छे मित्र के रूप में लाइबेरिया आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के साथ खड़ा रहेगा।