ब्लिट्ज ब्यूरो
भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में दुर्गा शक्ति अखाड़े के आठवें स्थापना दिवस पर हजारों युवतियों ने शौर्य संचालन निकाला। साध्वी सरस्वती ने 21 सौ युवतियों को कटार दीक्षा दी। उन्होंने बेटियों से विधर्मियों के खिलाफ खड़े होने का संदेश दिया। शहर के मुख्य चौराहों पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर इन युवतियों का स्वागत किया।
युवतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवतियां शामिल हुईं। कार्यक्रम की शुरुआत शौर्य संचलन के साथ हुई, जिसमें युवतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके बाद कटार दीक्षा ग्रहण की।
‘पापा की परी’ नहीं अब रानी लक्ष्मीबाई, चंडी, काली और दुर्गा बनें
साध्वी सरस्वती ने युवतियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पापा की परी नहीं, अब रानी लक्ष्मीबाई, चंडी, काली और दुर्गा बनकर विधर्मियों को मुंह तोड़कर जवाब दे।’ उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़कियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, ऐसे में उन्हें आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए। साध्वी ने आगे कहा कि आज के समय में बेटियों को खाना बनाना आये न आये, लेकिन कराटे और कटार चलाना जरूर आना चाहिए। उन्होंने कहा, हर भाई को अपनी बहन को चॉकलेट या गिफ्ट की जगह पेपर स्प्रे देना चाहिए ताकि वो अपनी रक्षा खुद कर सकें।
साध्वी सरस्वती ने बताया कि दुर्गा शक्ति अखाड़ा अपने स्थापना दिवस पर 10 हजार बेटियों को पेपर स्प्रे वितरित करेगा। भीलवाड़ा में युवतियों की ओर से निकाले गए शौर्य संचलन का शहरवासियों ने जगह-जगह स्वागत किया। लोगों ने युवतियों पर फूल बरसाकर उनका हौसला बढ़ाया।
गौरतलब है कि साल 2000 के दशक में भीलवाड़ा में बजरंग दल द्वारा आयोजित त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रमों को लेकर काफी विवाद हुआ था। अब एक बार फिर इस तरह के आयोजनों से भीलवाड़ा में ध्रुवीकरण की आशंका जताई जा रही है।