ब्लिट्ज ब्यूरो
गोरखपुर। पंडित दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्वामी विवेकानंद चौक तक की 860 मीटर लंबी सड़क पर अब 33 और 11 केवी की हाई वोल्टेज बिजली लाइनें जमीन के नीचे जाएंगी और ये काम बिजली निगम नहीं, बल्कि नगर निगम का पथ प्रकाश विभाग खुद करेगा। शासन से इसके लिए 07.84 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त कर दी है। नगर निगम ने भी वक्त गंवाए बिना ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। फर्म का चयन होते ही सड़क पर भूमिगत लाइन बिछाने का काम युद्धस्तर पर शुरू होगा। यह पहली बार है जब बिजली विभाग को बाहर रख कर नगर निगम सीधे इस तकनीकी काम को अंजाम देगा।
जानकारों का मानना है कि यह नगर निगम की प्रशासनिक क्षमता की अग्नि परीक्षा होगी। सड़क को स्मार्ट बनाने का काम चयनित फर्म ने दिसंबर 2024 में शुरू किया। सड़क की लागत पहले अनुमानित रूप से 11 करोड़ रुपये थी, लेकिन ई-टेंडर प्रक्रिया के बाद 09.50 करोड़ में निर्माण कार्य चयनित फर्म को सौंपा गया। जुलाई तक यह काम पूरा होना था, लेकिन अब तक करीब 80 फीसदी काम ही हो पाया है। अब भूमिगत बिजली लाइन का काम भी इसमें जोड़ दिया गया है, जो इस स्मार्ट सड़क को और भी आकर्षक और सुरक्षित बनाएगा। हालांकि स्मार्ट सड़क का काम जुलाई तक पूरा होना था, लेकिन अब तक 80 फीसदी ही काम हुआ है। अब भूमिगत लाइन डालने का नया कार्य जुड़ने से इसके पूरा होने में और देरी हो सकती है। हालांकि अब इस स्मार्ट रोड 17.34 करोड़ रुपये खर्च होंगे। क्या-क्या हो चुका है अब तक दोनों ओर सीसी नाला बनाकर उसे ढक दिया गया है ताकि फुटपाथ के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। कुछ हिस्सों में अलग फुटपाथ भी बनाया गया है। सड़क को चौड़ा करने के लिए साइकिल ट्रैक हटाया गया। बिजली के खंभे व ट्रांसफार्मर शिफ्ट किए गए हैं। सेंट्रल वर्जन बना कर उसमें और सड़क के दोनों किनारों पर पौधरोपण की किया जाएगा। सड़क पर डेकोरेटिव लाइटें, बेंच और पार्किंग स्पेस भी बनेगा। 07.84 करोड़ से 33 केवी और 11 केवी की एलटी लाइनें भूमिगत की जाएगी।
काम में तेजी आएगी
हमने तय किया है कि बिजली निगम पर निर्भर रहने के बजाय नगर निगम का प्रकाश विभाग खुद इस तकनीकी कार्य को अंजाम देगा। इससे काम में तेजी भी आएगी और पारदर्शिता भी बनी रहेगी। टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
– निरंकार सिंह अपर नगर आयुक्त