ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश और दुनिया के हालात तेजी से बदल रहे हैं। एक जंग के समाप्त होने से ही दूसरा छिड़ जा रहा है। रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बाद अब ईस्ट एशिया युद्ध की आग में जलने लगा है। थाईलैंड ने बॉर्डर डिस्प्यूट को लेकर कंबोडिया पर एयरस्ट्राइक कर दिया। कंबोडिया ने भी जवाबी हमला किया है। यह सशस्त्र संघर्ष कितना लंबा चलेगा, फिलहाल यह भविष्य के गर्भ में है। हालांकि, इससे डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने की रणनीति को और बल मिला है। रक्षा प्रणाली को मजबूत करने की कोशिश में हथियारों की होड़ बढ़नी तय है। भारत की स्थिति और भी संवेदनशील है। देश की सीमा एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन से लगती है। दोनों देशों के रवैये के बारे में देश के नीति निर्धारक से लेकर हर देशवासी भी अवगत है।
    चीन की विस्तारवादी नीतियों का ही असर है कि लेह लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में भी भारत ने एयरस्टि्रप तैयार कर ली है। इसके अलावा रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में भी लगातार काम चल रहा है। सीमाई इलाकों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। भारत सरकार सेना के तीनों अंगों (आर्मी, एयरफोर्स और नेवी) को अपग्रेड करने के प्रोजेक्ट पर ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। इंडियन नेवी में हाल के दिनों में सामरिक तौर पर अहम कुछ वॉरशिप को शामिल किया गया। कई वॉरशिप के डेवलपमेंट पर काम चल रहा है और आने वाले कुछ महीनों में नौसेना के बेड़े में इसके शामिल होने की उम्मीद है। वहीं, आर्मी को नए रॉकेट सिस्टम और अल्ट्रा मॉडर्न गन मुहैया कराए जा रहे हैं।
पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया था। इंडियन एयरफोर्स ने प्रचंड साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तान को महज चार ही दिनों में घुटनों पर ला दिया। इस दौरान पाकिस्तान को चीन और तुर्की का भी साथ मिला। इंडियन आर्मी के एक टॉप जनरल ने चीन की पोल खोल दी। उन्होंने बताया कि किस तरह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चीन ने पाकिस्तान को इंडियन एसेट्स का रियल टाइम डेटा मुहैया कराया था। बालाकोट से लेकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत ने एयरफोर्स को और भी अपडेट और अपग्रेड करने का फैसला किया है। एयरफोर्स और ताकतवर बनाने के प्रोजेक्ट में लाखों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। वायुसेना की शक्ति को बढ़ाने के लिए 87 हजार करोड़ रुपये की डिफेंस डील पर काम चल रहा है। जानकारी के अनुसार, 20000 करोड़ रुपये की एक डील को तो सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है, जबकि 67000 करोड़ की एक अन्य डील को मंजूरी जल्द ही मिलने की संभावना है। 













			

















