ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली । भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अहम भूमिका निभाएगी। आर्थिक विकास संस्थान (आईईजी) में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एआई और प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब तकनीक को अपनाया जाता है तो उससे उत्पादकता में तेजी से वृद्धि होती है। ऐसे में एआई का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों की भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने छात्रों के पूछे सवालों का जवाब भी दिया। वित्त मंत्री ने कहा, भारत में उत्पादकता उतनी तेजी से नहीं बढ़ी है, जितनी गति से बढ़ने की उम्मीद थी। ऐसी प्रवृत्ति को बदलने के लिए उन क्षेत्रों की पहचान करने का प्रयास किया गया है, जहां निवेश और प्रौद्योगिकी की पर्याप्त संभावनाएं हैं।
उद्योगों को तेजी से करना होगा काम ः उनके मुताबिक, प्रौद्योगिकी उत्पादकता को पहले की तुलना में तेजी से बढ़ा सकती है, लेकिन जब आज हम प्रौद्योगिकी के बारे में बात कर रहे हैं, तो तकनीकी की दिशा में उद्योगों को और तेजी से काम करना होगा। आज तकनीक के कारण कुछ क्षेत्रों में भारी बदलाव दिखाई रहे हैं। अगर सभी उद्योग नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाते हैं तो उत्पादकता का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। वित्त मंत्री ने कहा, कुछ क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन के पीछे प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रही है। नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर तमाम क्षेत्र है, जिनमें तेजी से बदलाव हुए हैं। इसलिए बाकी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी और एआई अहम भूमिका निभाएगी।
बढ़ रही अर्थव्यवस्था : अर्थव्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को मौजूदा आधार पर मापा जाता है तो अर्थव्यवस्था का आकार तेजी से बढ़ रहा है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था के जापान से बड़ा होने का अनुमान लगाया है।
चुनौतियों को अवसर में बदल रहा भारत : एनके सिंह
आईईजी के अध्यक्ष एनके सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है। आज ईमानदारी के साथ चुनौतियों को अवसर में बदलने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत कम देश हैं, जो चुनौतियों को अवसर में बदल पाते हैं लेकिन भारत उन देशों में शामिल है, जो चुनौतियों को अक्सर में बदल रहा है। बीते वर्षों में भारत ने बहुत कुछ बदलाव किया है। कई क्षेत्रों में तेजी से प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास, लागत को कम करने और पाइपलाइन में शामिल परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिली है।