ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर के भीतर एयरफोर्स अपना दफ्तर बनाएगा। इसके लिए यमुना प्राधिकरण से 300 वर्ग मीटर की जमीन मांगी गई है। बताया जा रहा है कि बहुत जल्द एयरफोर्स के बड़े अधिकारी यमुना प्राधिकरण के दफ्तर में पहुंचेंगे। संभवत: अगले हफ्ते में इंडियन एयरफोर्स को प्राधिकरण जमीन दे देगा। इसको लेकर तैयारी चल रही है।
एयरफोर्स ने क्यों मांगी जेवर एयरपोर्ट में जमीन?
एयरफोर्स के बड़े अधिकारियों ने यमुना प्राधिकरण से जमीन मांगते हुए बड़ी बात बोली है। अधिकारियों ने कहा कि अभी दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सामान आयात-निर्यात होता है। वहां पर ज्यादा लोड है। उसी को कम करने के लिए जेवर एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल बिल्डिंग में नया दफ्तर बनाया जाएगा। अपना दफ्तर बनाने के लिए ही एयरफोर्स ने 300 वर्ग मीटर जमीन यमुना प्राधिकरण से मांगी है। इससे सुरक्षा व्यवस्था भी ज्यादा बेहतर होगी।
8,000 से ज्यादा लोग एयरपोर्ट बना रहे
जेवर की भूमि पर दिन-रात नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम चल रहा है। बीते 27 जून 2024 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहला विमान लैंड हुआ और फिर कुछ मिनट बाद टेकऑफ हो गया। इस दौरान किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का इकलौता और सबसे पहला ऐसा हवाई अड्डा है जो बेहद कम समय में पूरा हो गया। यह योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट था। अब अप्रैल 2025 में सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनकर तैयार हो जाएगा और यात्रियों के लिए सौंप दिया जाएगा। करीब 8,000 से ज्यादा लोग देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे को बनाने का काम दिन-रात कर रहे हैं।