आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर से मिले अनुभवों के आधार पर भारतीय सेना 850 कामिकाजे ड्रोन (लोइटरिंग म्यूनिशन) खरीदने की तैयारी में है। करीब 2,000 करोड़ रुपये के इस सौदे से थल सेना, तीनों रक्षा बलों और विशेष बलों की मारक क्षमता को और मजबूत किया जाएगा।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सेना का यह प्रस्ताव अधिग्रहण के उन्नत चरण में है और इस महीने के आखिरी सप्ताह में होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की उच्चस्तरीय बैठक में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है। यह खरीद फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत की जाएगी। प्रस्ताव के अनुसार, सेना स्वदेशी स्रोतों से करीब 850 लोइटरिंग म्यूनिशन और उनके लॉन्चर खरीदेगी। सूत्रों ने बताया कि सेना पहले से ही अलग-अलग स्रोतों से हासिल किए गए बड़ी संख्या में ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है और आने वाले समय में करीब
30,000 लोइटरिंग म्यूनिशन शामिल करने की योजना है, ताकि सभी लड़ाकू इकाइयों को इससे लैस किया जा सके। सेना की योजना के तहत अब प्रत्येक इन्फैंट्री बटालियन में एक विशेष प्लाटून होगी। यह प्लाटून दुश्मन के ठिकानों पर हमले और उग्रवाद-रोधी अभियानों में ड्रोन के संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी।
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि कामिकाजे ड्रोन आधुनिक युद्ध में बेहद प्रभावी साबित हो रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ने से भारतीय सेना की सटीक हमला क्षमता, निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया और मजबूत होगी।
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