ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पत्रकारों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है। जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विचार व्यक्त करने की आजादी का सम्मान किया जाना चाहिए और संविधान के अनुच्छेद-19(1)(ए) के तहत पत्रकारों के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं।
लोकतांत्रिक देश में विचार व्यक्त करने की आजादी का किया जाना चाहिए सम्मान। एक पत्रकार की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए की टिप्पणी।