ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे की चार बड़ी रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये होगी। इससे रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 1247 किमी की वृद्धि होगी। महाराष्ट्र, ओडिशा व छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करने वाली इन परियोजनाओं से उत्तर भारत की रेल सेवाओं में सहजता आएगी। क्षेत्र का व्यापक विकास होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी। परियोजनाओं को 2030-31 के पहले तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। इन्हें मल्टी-माडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सभी परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं। सभी योजनाएं मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन बढ़ाने वाली हैं। करीब 379 लाख मानव दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।
बढ़ेगी रेल लाइन की क्षमता
वैष्णव ने बताया कि इन रूटों पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं का परिवहन ज्यादा होता है। परियोजनाओं के पूरा होने पर रेल लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिवर्ष 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करने के साथ विकास को भी गति मिलेगी। महत्वपूर्ण मौकों पर सवारियों की भीड़ में भी कमी आएगी। चारों लाइनें रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों में से एक हैं। इनके साथ 19 नए स्टेशनों का भी निर्माण
किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों गढ़चिरौली व राजनांदगांव में संपर्कता बढ़ेगी।
47.25 लाख आबादी को राहत
इससे 3350 गांवों व 47.25 लाख आबादी को आसानी होगी। खरसिया नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।
कम होगा कार्बन उत्सर्जन
उन्होंने कहा, इनके पूरा होने पर प्रतिवर्ष लगभग 95 करोड़ पेट्रोलियम का आयात कम हो जाएगा। इसी तरह 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।