ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार इस साल गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ाने जा रही है। गन्ना मूल्य ₹20-25/ क्विंटल तक बढ़ सकता है। इस प्रस्ताव पर शीघ्र ही कैबिनेट में निर्णय लिए जाने की उममीद है। राज्य परामर्शी समिति पहले ही इस बारे में सहमति दे चुकी है।
दो साल पूर्व बढ़ा था एफआरपी
राज्य सरकार ने इससे पहले 2021-22 में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले गन्ना मूल्य ₹25/क्विंटल की दर से बढ़ाया था। उसके बाद 2022-23 में कोई बढ़ोतरी नहीं की। वहीं, 2023-24 में फिर एक बार लोकसभा चुनाव से पहले गन्ना मूल्य ₹20/क्विंटल की दर से बढ़ाया गया था। वर्तमान में गन्ने का एफआरपी अगेती प्रजाति के लिए ₹370, सामान्य प्रजाति के लिए ₹360 और रिजेक्टेड प्रजाति के लिए ₹355 रुपये प्रति क्विंटल है।
किसानों का बढ़ता दबाव
गन्ना मूल्य 2022-23 में बढ़ाया नहीं गया और 2023-24 में भी मात्र ₹20/क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की गई। इससे किसान संगठन पहले से ही असंतुष्ट थे। किसानों व सरकार के बीच मूल्य वृद्धि पर सहमति न बन पाने के कारण गत वर्ष गन्ना मूल्य नहीं बढ़ सका। पिछले साल भी मूल्य न बढ़ने के कारण अब किसान संगठनों का दबाव और बढ़ गया है। इसे देखते हुए सरकार इस साल मूल्य बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
क्या है मूल्य बढ़ाने की वजह?
अभी तक सरकार ने दो बार गन्ने का मूल्य बढ़ाया है। दोनों बार चुनाव से ठीक पहले बढ़ाया गया है। वहीं, 2027 में फिर चुनाव होने हैं। तब बढ़ाएंगे तो यह संदेश जाएगा कि जब चुनाव होता है तभी सरकार मूल्य बढ़ाती है। इसको देखते हए यह बात भी सामने आई कि चुनाव से ठीक पहले एकमुश्त मूल्य बढ़ाने की बजाय अभी से बढ़ा दिया जाए। इससे यह संदेश नहीं जाएगा कि चुनाव होते हैं, तभी मूल्य बढ़ाया जाता है।





























