ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हार्ट अटैक का खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा। कॉर्डियो के एक विख्यात विशेषज्ञ चिकित्सक हार्ट को हेल्दी रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच अवेयरनेस फैला रहे हैं। कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर ने भारतीयों को हार्ट अटैक आने का कारण शेयर किया है और बताया है कि कैसे दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाला भारतीय हार्ट डिजीज के रिस्क पर है।
इन चिकित्सक ने बताया कि भारतीय दुनिया के किसी भी कोने में रहें, उन्हें बाकी लोगों से कई गुना ज्यादा दिल की बीमारी का खतरा रहता है। ये रिस्क अमेरिकन से 5 गुना ज्यादा तो वहीं चाइनीज लोगों से 3 गुना ज्यादा है।
आखिर क्यों है ज्यादा रिस्क
एक रिसर्च अमेरिका में चल रही जिसका नाम है सीएडीआई यानी कोरोनरी आर्टरी डिजीज इन इंडियंस। रिसर्च यह जानने के लिए की जा रही कि आखिर भारतीयों में दिल की बीमारी इतनी ज्यादा कॉमन क्यों है। दिल की बीमारी के ज्यादा होने का पहला कारण जेनेटिक्स है। वहीं दूसरा कारण है कुछ टेस्ट जिन्हें कराया जा सकता है। जिसमें पहला है लाइपोप्रोटीन (ए) और दूसरा होमोसिस्टीन टेस्ट। डॉक्टर ने बताया कि बाकी देशों की तुलना में इंडियन को 10-15 साल छोटी उम्र में हार्ट अटैक हो रहे है और हार्ट अटैक भी कम कोलेस्ट्रॉल लेवल पर ही हो रहा।
कोलेस्ट्रॉल को रखें कम
कॉर्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि सभी इंडियन को अपना एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल 70 मिलीग्राम से नीचे रखना चाहिए।
इन विटामिन के लें सप्लीमेंट्स
बैड कोलेस्ट्रॉल को कम रखने के साथ ही विटामिन बी 12 का सप्लीमेंट्स लें।
न हो विटामिन डी 3 की कमी
विटामिन बी 12 के साथ ही हर इंडियन को विटामिन डी3 की भी पूर्ति करना जरूरी है। इसके लिए सप्लीमेंट्स लें जिससे हार्ट को सेफ रखा जा सके।































