ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अपने हिंदुस्तान जेट ट्रेनर-36 (एचजेटी-36) को ही लाइट अटैक फाइटर जेट बनाने पर विचार कर रही है। एचजेटी-36 को पहले सितारा कहा जाता था, लेकिन इसी साल की शुरुआत में इसे एक ट्रेनर से हल्के कॉम्बैट रोल के लिए अपग्रेड किए जाने के बाद यशस नाम दिया गया है। लेकिन, अब एचएएल की इच्छा है कि इसमें अगर थोड़ा सा और अपग्रेडेशन हो जाए तो यह हल्के लड़ाकू विमान में तब्दील हो सकता है, जिस पर लागत बहुत कम आएगी, इस वजह से महंगे फाइटर जेट के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा हो सकती है।
डिफेंस डॉट इन की एक रिपोर्ट के मुताबिक एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील सार्वजनिक कंपनी के इस इरादे की जानकारी दे चुके हैं कि वह अपने ट्रेनर विमान को किफायती लड़ाकू विमानों में विकसित करने की सोच रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे न केवल भारतीय वायु सेना की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि भारत रक्षा क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बाजार बन सकता है।
बेसिक हथियारों वाला ट्रायल पहले ही सफल
दरअसल, एचएएल के अधिकारियों का कहना है कि एचजेटी-36 का डिजाइन पहले से ही ऐसा है, जो कि इसे लड़ाकू विमानों में बदल सकता है। इसके लिए इसमें अत्याधुनिक कंप्यूटर सिस्टम जोड़े जा सकते हैं और साथ ही घातक से घातक हथियारों को भी लोड किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात है कि इसे बेसिक हथियारों से लैस करने का ट्रायल पहले ही सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
वायुसेना का ट्रेनर जेट है एचजेटी-36
एचजेटी-36 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने पहले पायलटों की ट्रेनिंग के लिए बनाया था। लंबे समय से यह भारतीय वायुसेना के पायलटों की ट्रेनिंग में बड़ा रोल निभाता आ रहा है। एक इंजन वाला यह ट्रेनर विमान मैक 0.8 स्पीड और 9,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। आज की तारीख में भी इसके पास वायुसेना के लिए 73 ट्रेनर विमानों के ऑर्डर पड़े हैं। 2027 तक इसके प्रोडक्शन में और ज्यादा तेजी आने की संभावना है।
फाइटर जेट बनने पर कैसा होगा एचजेटी-36
जहां तक एचजेटी-36 को हल्के लड़ाकू विमानों में बदलने के विचार की बात है तो इसके लिए इसे और भी सक्षम हथियारों से लैस किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें हथियारों को रखने के लिए पांच हार्डप्वाइंट्स लगाने की योजना है, ताकि यह कम से कम 1,000 किलो पेलोड लेकर उड़ान भर सके। जिन हथियारों से इसे लैस करने की तैयारी है, उनमें-
एयर टू एयर मिसाइल: अस्त्र एमके-1 समेत। आत्मरक्षा प्राथमिकता।
प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन (पीजीएस): सटीक हमले के लिए, जैसे कि स्वदेशी स्मार्ट एंटी-एटरफील्ड वेपन (सावन)।
अनगाइडेड रॉकेट: नजदीकी क्षेत्रों में हवा से सतह पर हमलों के लिए।
एक्सटर्नल गन पॉड्स: जमीनी टारेगट को निशाना बनाने के लिए।
हल्के युद्ध अभियानों के लिए अभी भी सक्षम।
हकीकत ये है कि लाइट फाइटर जेट की डिमांड दुनिया भर में बढ़ती जा रही है, जो कम कीमत में बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं और छोटे ऑपरेशन में ज्यादा काम आ सकते हैं।