ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे से सबक लेते हुए यूपी में एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट को घटा दिया गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने प्रदेश के सभी एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट 120 से घटाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी है। यूपीडा ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजकर विचार करने का अनुरोध किया था। इस कदम का मुख्य उद्देश्य कोहरे के दौरान वाहनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखना और अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में होने वाले मल्टी-व्हीकल कोलिजन (एक के बाद एक गाड़ियों का टकराना) को रोकना है।
विगत दिवस मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में नौ गाड़ियां आपस में टकरा गई थीं। इनमें अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। यह नई स्पीड लिमिट प्रदेश के उन सभी प्रमुख एक्सप्रेसवे पर लागू होगी जिनका संचालन यूपीडा करता है। यूपीडा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का संचालन करता है। यूपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आमतौर पर उत्तर प्रदेश में 15 फरवरी तक घना कोहरा रहता है। ऐसे में पाबंदी 15 फरवरी तक प्रभावी रहेगी। कोहरा छंटने और मौसम साफ होने के बाद स्पीड लिमिट को वापस सामान्य कर दिया जाएगा।
यदि किसी ने निर्धारित 80 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा रफ्तार से गाड़ी दौड़ाई तो उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एक्सप्रेसवे पर लगे स्पीड कैमरों और हाई-टेक सेंसर के जरिए वाहनों की गति की निगरानी की जाएगी। निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार होने पर टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले ही वाहन का ऑनलाइन चालान कट जाएगा।
यूपीडा की पेट्रोलिंग टीमें और स्पीड गन के साथ तैनात पुलिसकर्मी भी तेज रफ्तार वाहनों पर नजर रखेंगे। यूपीडा लिमिट के अलावा, यूपीडा यात्रियों से फॉग लाइट का उपयोग करने, रिफ्लेक्टिव टेप लगाने और इंडिकेटर्स चालू रखने की अपील भी कर रहा है। यह कदम उन दर्जनों लोगों की जान बचाने के लिए उठाया गया है जो हर साल सर्दियों में कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। शासन का मानना है कि थोड़ी देरी से पहुंचना, जान गंवाने से कहीं बेहतर है।































